
इंदौर। गणेश चतुर्थी के साथ 10 दिनों के लिए कल मंगलमूर्ति गणपति बप्पा का शुभागमन घर-घर में होगा। कल दोपहर 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट के बीच अभिजीत जन्मकाल मुहूर्त में श्रीगणेश स्थापना करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
शहर की प्राचीन परंपरा अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व शहरभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। बप्पा की छोटी-बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना सुबह से लेकर सायंकाल तक की जाएगी और 10 दिनी गणेशोत्सव की शुरुआत होगी।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से अनंत चतुर्दशी तक यह पर्व मनाया जाएगा। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 3 साल बाद फिर से बुधवार को है। बुधवार को गणेशजी की पूजा खास मानी गई है। इस दिन स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त भी है। घरों से लेकर दुकानों, व्यावसायिक संस्थानों, आफिसों, कपड़ा मिलों में श्रीगणेश की स्थापना कर विधि-विधान से भगवान की पूजा-अर्चना 10 दिन तक की जाएगी। सनातन धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान गणेश का अवतरण भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था।
चतुर्थी पर बुध-शुक्र ग्रह की युति से लक्ष्मी नारायण योग
गणेश चतुर्थी पर इस बार 5 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। दरअसल गणेश चतुर्थी के दिन बुध और शुक्र ग्रह की युति से लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है। इसके अलावा ब्रह्म योग, सर्वार्थसिद्धि योग, रवि योग, इंद्र योग, पुष्कर योग और प्रीति योग का अद्भुत संयोग भी चतुर्थी पर बन रहा है, जो इसे और भी पवित्र और शुभ बनाएगा । कल बुधवार श्रीगणेश का दिन और प्रकटोत्सव से बजारों में शुभ खरीदारी होगी।
यह है श्री गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त
– सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त जन्मकाल… प्रात: 11.05 मि. से दोप. 12.30 मि. तक
-प्रात: 06.09 मि. से 07.43 मि. तक (लाभ)
-प्रात: 07.44 मि. से 09.17 मि. तक (अमृत)
-प्रात: 10.51 मि. से दोप. 12.01 मि. तक (शुभ)
-दोप. 03.34 मि. से 05.08 मि. तक (चर)
-दोप. 05.09 मि. से सायं: 06.42 मि. (लाभ)
-रात्रि 08.08 मि. से 09.34 मि. तक (शुभ)
-रात्रि 09.35 मि. से 11.00 मि. तक (अमृत)
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