
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने कहा कि करदाताओं की सेवा करना (To Serve the Taxpayers) कर विभाग के अधिकारियों का कर्तव्य है (It is the duty of Tax Department Officials) । उन्हें यह कार्य पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शनिवार को एक बयान में कहा, “करदाताओं को सेवा प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। करदाताओं की सेवा करते समय, उनका विश्वास और भरोसा जीतने के लिए पारदर्शिता और ईमानदारी बेहद जरूरी है। मुझे विश्वास है कि बोर्ड और क्षेत्रीय संरचनाएं संवेदनशील और उत्तरदायी बनी रहेंगी।”
उनका यह बयान जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाली एक व्यावसायिक इकाई के मामले में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के दिए विस्तृत स्पष्टीकरण के जवाब में दिया गया था। आवेदक ने आवेदन की प्रक्रिया में देरी की शिकायत की थी। सीबीआईसी ने जवाब के तौर पर मामले के पेंडिंग होने के पीछे विस्तृत स्पष्टीकरण पेश किया।
सीबीआईसी ने कारण बताया कि करदाता कंपनी की ओर से साइन करने वाले व्यक्ति के पद को लेकर पूछे गए विशेष सवाल का जवाब न मिलने की वजह से यह देरी हो रही है। लिंक्डइन पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन मुद्दे के बारे में लिखने वाले विनोद गुप्ता के मामले के तथ्य का हवाला देते हुए सीबीआईसी ने एक्स पर कहा, “आवेदन इस सप्ताह 26 मई (सोमवार) को दायर किया गया था, जिसे दिल्ली राज्य जीएसटी को सौंपा गया था। इस मामले में केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं थी।”
बयान में आगे कहा गया, “दिल्ली राज्य जीएसटी अधिकारियों के अनुसार, मामले पर तुरंत काम किया गया था और कंपनी की ओर से रेंट एग्रीमेंट पर साइन करने वाले व्यक्ति के मिसिंग डिजिगनेशन के बारे में एक प्रश्न उठाया गया था। इस स्तर पर एआरएन करदाता की ओर से जवाब की वजह से पेंडिंग था और करदाता को इसकी जानकारी दी गई थी।” बयान में बताया गया कि पेंडिंग जानकारी प्राप्त होने पर दिल्ली जीएसटी अधिकारी आवेदन पर कार्रवाई करेंगे। सीबीआईसी ने आवेदक से तथ्यों को बिना जाने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी प्रसारित न करने का भी अनुरोध किया है।
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