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आसमान में गरजे J-10 और मिराज-2000, चीन ने यूएई के साथ किया हवाई अभ्यास

December 28, 2025

डेस्क: चीन (China) लगातार खाड़ी क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी और रणनीतिक प्रभाव को मजबूत कर रहा है. इसी कड़ी में चीन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच आयोजित Falcon Shield-2025 संयुक्त हवाई अभ्यास (Joint Air Exercise) को बेहद अहम माना जा रहा है. इस बड़े पैमाने के सैन्य अभ्यास को 9 से 22 दिसंबर के बीच यूएई में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया, जिसमें पहली बार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने अपने कई फ्रंटलाइन लड़ाकू और सपोर्ट एयरक्राफ्ट खाड़ी देश में तैनात किए.

चीनी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह अभ्यास केवल रूटीन ट्रेनिंग नहीं था, बल्कि जटिल युद्ध परिस्थितियों में संयुक्त ऑपरेशनल क्षमताओं को परखने और भविष्य की सैन्य रणनीतियों को मजबूत करने का प्रयास था. ऐसे समय में जब मध्य पूर्व की भू-राजनीति तेजी से बदल रही है, चीन का यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाना कई देशों के लिए रणनीतिक चिंता का विषय बनता जा रहा है

25 दिसंबर को बीजिंग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने इस संयुक्त अभ्यास की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फाल्कन शील्ड-2025 के तहत चीन ने पहली बार यूएई में अपने अत्याधुनिक लड़ाकू और सपोर्ट प्लेटफॉर्म तैनात किए. इस अभ्यास में शामिल चीन के प्रमुख विमान शामिल थे, जिसमें J-10 मल्टीरोल फाइटर जेट, KJ-500 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट और Y-20A एरियल रिफ्यूलिंग टैंकर.


फाल्कन शील्ड-2025 अभ्यास की खास बात यह रही कि चीनी और अमीराती वायु सेनाओं ने मिक्स्ड फॉर्मेशन में उड़ान भरते हुए संयुक्त कमांड स्ट्रक्चर के तहत काम किया. झांग शियाओगांग के अनुसार, इस दौरान कई जटिल सैन्य परिदृश्यों में अभ्यास किए गए, जिनमें कमांड और कंट्रोल सिमुलेशन, एयर सुपीरियोरिटी मिशन, नाइट कॉम्बैट और नाइट विजन ऑपरेशंस, ड्रोन और अनमैन्ड सिस्टम आधारित युद्ध रणनीतियां समेत युद्ध क्षेत्र में खोज और बचाव (Search & Rescue) ऑपरेशन शामिल थे.

इस संयुक्त अभ्यास में यूएई की ओर से Mirage-2000 फाइटर जेट का इस्तेमाल भी किया गया, जिसे रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि Mirage-2000 एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की सटीक नकल (सिमुलेशन) करने में सक्षम है. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि Mirage-2000 की क्षमताएं ताइवान वायुसेना के कुछ लड़ाकू विमानों से मिलती-जुलती हैं. ऐसे में चीन के लिए यह अभ्यास केवल यूएई के साथ सहयोग तक सीमित नहीं रहता, बल्कि संभावित विरोधियों की रणनीतियों को समझने का भी अवसर देता है.

चीन के रक्षा मंत्रालय ने फाल्कन शील्ड अभ्यास को चीन-यूएई के बीच एक “ब्रांडेड डिफेंस कोऑपरेशन प्रोजेक्ट” करार दिया है. मंत्रालय के अनुसार, इस तरह के संयुक्त अभ्यास न केवल सैन्य क्षमताओं को मजबूत करते हैं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की नींव भी रखते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि जब मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव, ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, ऐसे समय में चीन का यूएई और सऊदी अरब में सैन्य प्रभाव बढ़ाना उसकी वैश्विक रणनीति का अहम हिस्सा है.

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