चित्रकूट ,22 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता नव रत्नो में शामिल पद्म विभूषण से अलकृत श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से धर्म नगरी चित्रकूट में हड़कंप मच गया है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को इलाज के लिए पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी नृत्यगोपालदास के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य देश के दूसरे बड़े संत है जो कोरोना संक्रमण की चपेट में आये हैं। मिली जानकारी के मुताबिक भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में विश्व का प्रथम दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित कर समाज पर परिवार के उपेक्षित दृष्टिहीनों समेत सभी प्रकार के दिव्यांगों को सम्मान और आत्मनिर्भरता के साथ जीवन जीने का सुअवसर देने वाले पदम विभूषण से अलंकृत तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामभद्राचार्य की शुक्रवार की देर शाम बुखार आदि की दिक्क्त के चलते सद्गुरु चिकित्सालय जानकीकुंड में कोरोना की जांच कराई गई थी। रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आने से पूरे चित्रकूट में हड़कंप मच गया। श्री तुलसी पीठ आश्रम के युवराज आचार्य रामचंद्र दास महाराज द्वारा मामले की सूचना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी गई। सीएम योगी के कहने पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को आनन् -फानन रात में ही उपचार के लिए लखनऊ पीजीआई ले जाया गया। इसके बाद हरकत में आये मध्य प्रदेश के सतना जिला प्रशासन ने चित्रकूट के तुलसी पीठ को कंटेंनमेंट एरिया बना दिया गया है।वही लखनऊ से शुक्रवार की रात आई रिपोर्ट में भी जगद्गुरु के कोरोना पाजिटिव होने की पुष्टि होने की रिपोर्ट ने धर्म नगरी चित्रकूट के साधु -संतो की चिंता बढ़ा दी है।
मध्यप्रदेश जिला सतना के मझगंवा उपजिलाधिकारी हेमकर धुर्वे ने बताया कि जगदगुरु की कोरानो पॉजिटिव रिपोर्ट लखनऊ से आने के बाद जानकीकुंड स्थित तुलसी पीठ को कंटेंनमेंट एरिया बनाया गया है। युवराज रामचंद्र दास समेत नजदीकी लोगों की जांच के लिए नमूना लिया गया है। उनके संपर्क में आने वालों की सूची बनाई जा रही है। तुलसी पीठ प्रांगण को सैनिटाइज किया गया है।
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