
नई दिल्ली. विदेश मंत्री (foreign ministers) एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने शनिवार को न्यूयॉर्क (New York) में ब्रिक्स (BRICS) (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की, जिसमें उन्होंने इस समूह की बहुपक्षीयता और रचनात्मक अंतरराष्ट्रीय सहभागिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर आयोजित इस बैठक में जयशंकर ने वैश्विक चुनौतियों के बीच ब्रिक्स की एकजुटता और सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया.
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, ‘जब बहुपक्षीयता तनाव में है, तब ब्रिक्स ने तर्क और रचनात्मक बदलाव की मजबूत आवाज के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है.’ उन्होंने अशांत वैश्विक माहौल में शांति निर्माण, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के सिद्धांतों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया. अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘एक अशांत दुनिया में, ब्रिक्स को शांति निर्माण, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का संदेश और मजबूत करना चाहिए.’
UN सुधार पर ज़ोर
संस्थागत सुधारों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा, ‘ब्रिक्स को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की सामूहिक मांग को और तेज करना चाहिए.’ ये बयान ब्रिक्स देशों की लंबे समय से चली आ रही मांग को दर्शाता है, जो अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी वैश्विक शासन की वकालत करता है.
Delighted to co-chair the India-CELAC Foreign Ministers’ Meeting along with FM Rosa Yolanda Villavicencio of Colombia in New York this morning.
We agreed to strengthen our existing broad-based cooperation in fields such as agriculture, trade, health, digital, HADR and capacity… pic.twitter.com/YQnLOSYyMQ
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 26, 2025
आर्थिक चुनौतियों को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद, टैरिफ अस्थिरता और गैर-टैरिफ बाधाएं व्यापार प्रवाह को प्रभावित कर रही हैं. उन्होंने जोर दिया, ‘ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का बचाव करना चाहिए.’ इसके साथ ही, उन्होंने तकनीक और नवाचार को ब्रिक्स सहयोग के अगले चरण को परिभाषित करने वाला बताया.
भारत की अध्यक्षता
BRICS के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए, जयशंकर ने कहा, “भारत की अध्यक्षता खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल परिवर्तन, स्टार्टअप, नवाचार और मजबूत विकास भागीदारी के माध्यम से सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी.” यह एजेंडा भारत के ग्लोबल साउथ के प्रति समर्थन को दर्शाता है.
IBSA मंत्रियों के साथ बैठक
जयशंकर ने न्यूयॉर्क में भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) के विदेश मंत्रियों की “शानदार बैठक” की. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘आईबीएसए ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परिवर्तनकारी सुधार की मजबूत मांग की.’ बैठक में आईबीएसए एकेडमिक फोरम, समुद्री अभ्यास, ट्रस्ट फंड और अंतर-आईबीएसए व्यापार पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि आईबीएसए बार-बार बैठकें करता रहेगा.
CELAC के साथ सह-अध्यक्षता
जयशंकर ने कोलंबिया की विदेश मंत्री रोज़ा योलांडा विलाविसेंसियो के साथ इंडिया-CELAC (लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन राज्यों का समुदाय) विदेश मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता भी की. दोनों ने कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की.
इंडिया और CELAC ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, अंतरिक्ष और नवीकरणीय जैसे उभरते क्षेत्रों का पता लगाने पर भी सहमति व्यक्त की. दोनों पक्षों ने ग्लोबल साउथ की आवाज का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर जयशंकर ने कई समकक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें कीं, जिनमें इंडोनेशिया के विदेश मंत्री सुगियोनो, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, एंटीगुआ और बारबुडा के विदेश मंत्री पॉल चेट ग्रीन, उरुग्वे के विदेश मंत्री मारियो लुबेटकिन और कोलंबिया की विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेंसियो शामिल थे.
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