img-fluid

ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की याद दिलाकर यूएस-पाक संबंध पर बोले जयशंकर

August 24, 2025

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने शनिवार को अमेरिका (America) और पाकिस्तान (Pakistan) के संबंधों पर बात की। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान का एक-दूसरे के साथ इतिहास रहा है, लेकिन उस इतिहास को नजरअंदाज करने का भी उनका इतिहास रहा है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब हमने ऐसा देखा हो। उन्होंने 2011 में इस्लामाबाद के पास अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) के मारे जाने की भी याद दिलाई।

विदेश मंत्री का यह बयान अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती करीबी पर आया। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि जब देश सुविधा की राजनीति पर बहुत ज्यादा केंद्रित होते हैं, तो वे ऐसा करने की कोशिश करते रहते हैं। इसमें कुछ सामरिक हो सकता है, कुछ के कुछ अन्य लाभ या गणनाएं हो सकती हैं।


अमेरिकी सेना ने ऑपरेशन से पहले नहीं दी थी पाकिस्तान को सूचना
लादेन को 2 मई, 2011 को अमेरिकी नौसेना के सील्स ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास स्थित एबटाबाद में मार गिराया था। अमेरिका ने इस अति-गोपनीय ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले पाकिस्तान को सूचित नहीं किया था। दरअलस, जून में, पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मेजबानी की थी।

जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती का भी जिक्र किया
अपनी टिप्पणी में, जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मैं मौजूदा हालात या चुनौती के हिसाब से प्रतिक्रिया देता हूं। लेकिन मैं ऐसा हमेशा रिश्तों की व्यापक संरचनात्मक मजबूती और उससे मिलने वाले विश्वास को ध्यान में रखते हुए करता हूं।’

चीन-यूरोप पर हमारा पैमाना लागू क्यों नहीं किया
जयशंकर ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत को निशाना बनाने के लिए अमेरिका की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यही पैमाना रूसी कच्चे तेल और रूसी एलएनजी के सबसे बड़े आयातक चीन और यूरोपीय संघ पर लागू क्यों नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि जब लोग कहते हैं कि हम जंग को वित्तपोषित कर रहे हैं या (राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन के खजाने में पैसा डाल रहे हैं तो रूस-यूरोपीय संघ व्यापार भारत-रूस व्यापार से बड़ा है। तो क्या यूरोप पुतिन के खजाने में पैसा नहीं डाल रहा है।

रूस से तेल खरीद देश हित से प्रेरित
उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की ओर से रूसी कच्चे तेल की खरीद बढ़ी है और कहा कि यह राष्ट्रीय हितों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि यह हमारा अधिकार है। हम तेल बाजार को स्थिर करने के लिए रूस से तेल खरीद रहे हैं। यह हमारे राष्ट्रीय हित में है। हमने कभी इसके विपरीत दावा नहीं किया, लेकिन हम यह भी कहते हैं कि यह वैश्विक हित में है।

पाकिस्तान के मसले पर मध्यस्थता स्वीकार नहीं
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में किसी तीसरे पक्ष या देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता है और पिछले 50 से अधिक वर्षों से इस पर राष्ट्रीय सहमति रही है। उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बार-बार इस दावे पर आई कि उन्होंने मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को रुकवाया था।

Share:

  • PAK विदेश मंत्री पहले चीन के वांग यी से मिले, अब बांग्लादेश पहुंचे

    Sun Aug 24 , 2025
    ढाका। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर ढाका (Dhaka) पहुंचे। उनका उद्देश्य लंबे समय से प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के पद से हटने के बाद बांग्लादेश (Bangladesh) के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करना है। 2012 के बाद से बांग्लादेश की यात्रा करने वाले सबसे […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved