
डेस्क: दिल्ली ब्लास्ट मामले में भारत के खिलाफ ‘फिदायीन दस्ता’ तैयार करने के लिए जैश की तरफ से फंड जुटाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जैश ए मोहम्मद ने डिजिटल हवाला को आसान बनाने के लिए पाकिस्तान के डिजिटल ऐप सदापे जैसे वॉलेट के माध्यम से डोनेशन लेने और अपनी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने की घोषणा की थी. जैश ए मोहम्मद ने तुहफत उल मोमिनात नाम से एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है.
लाल किला ब्लास्ट की जांच में एजेंसियों को पता चला है कि फिदायीन अटैक का ब्लू प्रिंट पाकिस्तान में इसी साल तैयार हुआ था. सूत्रों के मुताबिक, एजेंसियों को इस संबंध में बेहद चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है. लाल किला ब्लास्ट से 15 दिन पहले अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने तुहफत उल मोमिनात नाम से एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया था.
यह कोर्स खास तौर से महिलाओं के लिए डिजाइन किया गया. जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस ऑनलाइन कोर्स का मकसद मजहबी और जिहादी ट्रेनिंग देने के साथ-साथ संगठन की गतिविधियों के लिए पैसे जुटाना है. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली ब्लास्ट मामले में उमर के वीडियो के सामने आने के बाद एक और अहम जानकारी सामने आई है. डॉ. उमर हमले से ठीक पहले अपने पुलवामा के घर गया था.
डॉक्टर उमर के पास दो फोन थे. इसमें से एक फोन उसने अपने भाई को दिया था और कहा था कि अगर उसके बारे में कोई खबर आए तो फोन को फेंक देना. यह फोन डॉक्टर उमर ने अपने भाई जहूर इलाही को 26 से 29 अक्टूबर के बीच में दिया था. जब जरूर ने उमर के साथियों की गिरफ्तारी की खबर सुनी तो उसने यह फोन घर के पास के तालाब में फेंक दिया था.
इस फोन को बाद में सुरक्षा एजेंसियों की तरफ रिकवर किया गया. इसी फोन से उमर का आत्मघाती हमले वाला वीडियो सुरक्षा एजेंसियों को मिला है. इस वीडियो में उमर नबी ने फिदायीन हमले को वीडियो में जस्टिफाई किया है. उमर ने आई20 कार में दिल्ली के लाल किले के पास फिदायीन हमले को अंजाम दिया था.
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