
इस्लामाबाद। भारत (India) के एक और दुश्मन की पाकिस्तान (Pakistan) में रहस्यमयी तरीके से मौत की खबर सामने आ रही है। जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर (Top commander of Jaish-e-Mohammed) और ‘गजवा-ए-हिंद’ (‘Ghazwa-e-Hind’) के कट्टर समर्थक मौलाना अब्दुल अजीज इसर (Maulana Abdul Aziz Isar) की मौत रहस्यमयी परिस्थितियों में 2 जून को पाकिस्तान के बहावलपुर में हो गई। आतंकी संगठन के गढ़ माने जाने वाले जैश मुख्यालय (मरकज) में उसे दफनाया गया। उसके दफन की प्रक्रिया मरकज में होने से जैश में उसके रैंक के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है।
अब्दुल इसर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अशरफवाला का निवासी था और भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए कुख्यात था। वह अक्सर खुले मंचों से भारत को “टुकड़े-टुकड़े” करने और कश्मीर छीनने की धमकियां देता था। जैश के टेलीग्राम चैनलों पर पोस्ट किए गए संदेशों में दावा किया गया है कि अब्दुल को अचानक दिल का दौरा पड़ा, लेकिन पाकिस्तान पुलिस की ओर से मौत के कारण पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ऑपरेशन सिंदूर से था बौखलाया
अब्दुल अजीज का नाम उन आतंकवादियों में शुमार था जो भारत में दर्जनों बड़े आतंकी हमलों की साजिश रचने में शामिल रहा, जिनमें 2019 का पुलवामा हमला भी शामिल है। बहावलपुर स्थित जैश का यही मुख्यालय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय कार्रवाई का बड़ा निशाना बना था। ऑपरेशन के बाद से ही अब्दुल इसर भारत के खिलाफ और ज्यादा उग्र बयानबाजी करने लगा था।
एक हालिया वीडियो में वह कहता हुआ देखा गया था, “मुजाहिद्दीन आ रहे हैं। अगर संभाल सकते हो तो संभाल लो हिंदुस्तान की सरकार… नहीं तो मुजाहिद्दीन तुम्हारे जबड़ों से कश्मीर छीन लेंगे। मुजाहिद्दीन रवाना हो चुके हैं।”
गजवा-ए-हिंद का प्रचारक
मौलाना अबुदल इसर ‘गजवा-ए-हिंद’ की विचारधारा का कट्टर समर्थक था। यह एक ऐसा कट्टर इस्लामी सिद्धांत है जो भारत में इस्लामी राज्य की स्थापना का सपना देखता है। अपने आखिरी सार्वजनिक भाषण में उसने भारत की तुलना सोवियत संघ से की थी और मुजाहिद्दीन से ‘गजवा-ए-हिंद’ की लौ को जलाए रखने का आह्वान किया था।
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