
नई दिल्ली (New Delhi)। पटना (Patna) में 23 जून को हुई विपक्ष की बैठक (Opposition meeting) के बाद केजरीवाल (Kejriwal) और कांग्रेस (Congress) के बीच रिश्ता 2024 को लेकर क्या रहेगा? इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है। राष्ट्रीय स्तर पर चल रही इस चर्चा पर मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) की एक प्रतिक्रिया आई है। मध्य प्रदेश से एक कांग्रेस विधायक ने शनिवार को एक बात साफ कर दी है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ेगी। इसी के साथ ही कांग्रेस विधायक ने ‘आप’ को भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की बी टीम बताया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (Jaivardhan Singh) ने कहा कि कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को मध्य प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कोई सीट नहीं देगी क्योंकि केंद्रीय राज्य में उसका कोई राजनीतिक आधार नहीं है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन की टिप्पणी आप के यह कहने के एक दिन बाद आई है कि वह दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस से समर्थन जुटाने में विफल रही और पटना में विपक्ष की बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता में शामिल नहीं हुई। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ‘आप’ को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह आखिर तक विपक्षी एकता में रहेगी या नहीं। जयवर्धन ने कहा कि संविधान में विश्वास रखने वाले लगभग सभी दल पटना बैठक में शामिल हुए।
शनिवार को दिग्विजय सिंह के बेटे और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने केजरीवाल की पार्टी को लेकर बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ेगी। इस दौरान उन्होंने इसका कारण भी बताया और कहा कि मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी का कोई राजनीतिक आधार नहीं है, इसलिए ‘आप’ के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी जाएगी।
यह पूछे जाने पर कि आप मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ रही है और क्या कांग्रेस उसे संयुक्त विपक्ष के सदस्य के रूप में सीटें देगी, जयवर्धन ने ऐसी किसी व्यवस्था से इनकार कर दिया। जयवर्धन ने जवाब देते हुए कहा कि ऐसा सवाल ही नहीं उठता है। ‘आप’ के पास मध्य प्रदेश में कोई आधार नहीं है जिसके आधार पर वे सीटें मांग सकें। जयवर्धन ने कहा कि लोग सत्ता परिवर्तन चाहते हैं और कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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