
जबलपुर: पशुपतिनाथ अखाड़े की किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी (Kinnar Mahamandaleshwar Himangi Sakhi) ने बनारस स्थित ज्ञानवापी महादेव का जलाभिषेक (Jalabhishek of Gyanvapi Mahadev) आठ अगस्त को करने का ऐलान किया है. करीब 50 से ज्यादा देशों में भागवत कथा का वाचन कर चुकीं देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी अपने बयान को लेकर फिर चर्चाओं में हैं.
दरअसल, बुधवार को मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर (Jabalpur, the cultural capital of Madhya Pradesh) पहुंची किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा है कि वह सावन के चौथे सोमवार यानी 8 अगस्त को बनारस स्थित विश्वेश्वर ज्ञानवापी महादेव (Vishweshwar Gyanvapi Mahadev) का रुद्राभिषेक करेंगीं. इसके लिए भले ही उनकी जान चली जाए, या उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़ जाए. लेकिन, वे अपने संकल्प को पूरा करेंगी.
किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा है कि महादेव का रुद्राभिषेक करने वे अकेली नहीं जाएंगी, बल्कि बनारस समेत देश के अन्य हिस्सों से संत भी वाराणसी पहुंचेंगे. र सभी बनारस से गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा के रूप में 8 अगस्त के दिन आखिरी सोमवार को विश्वेश्वर ज्ञानवापी महादेव का रुद्राभिषेक करेंगे. गौरतलब है कि ज्ञानवापी शिवलिंग को लेकर पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इस बीच प्रशासन ने वहां पर किसी भी तरह की पूजा-अर्चना पर रोक लगा रखी है.
किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने यह भी कहा है कि अगर प्रशासन अनुमति नहीं देगा तो वह खुद का अभिषेक कर लेंगी. क्योंकि, किन्नर इस धरती में अर्धनारीश्वर माने जाते हैं और भगवान भोलेनाथ को भी अर्धनारीश्वर कहा गया है. ऐसे में अगर अनुमति नहीं मिली तो वे न केवल मंदिर के सामने धरने पर बैठेंगी, बल्कि खुद का अभिषेक भी कर सकती हैं.
उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति उठाई की अगर अल्पसंख्यक समाज को इतने सालों तक वुजू करने का अधिकार मिल सकता है तो, फिर हिंदू समाज के लोग सावन में महादेव का रुद्राभिषेख क्यों नहीं कर सकते. गौरतलब है कि इसके पूर्व भी महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने विश्वेश्वर महादेव शिवलिंग में जलाभिषेक करने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद उन्हें कई धमकियां मिल चुकी हैं.
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