
नई दिल्ली । लद्दाख (Ladakh) की राजधानी लेह में जारी हिंसक प्रदर्शन पर जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah) की टिप्पणी सामने आई है। उमर ने हालिया घटनाओं को लेकर कहा कि 2019 में जब राज्य को विभाजित किया गया था, तब लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने का वादा भी नहीं किया गया था। उस समय पर लद्दाख के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का स्वागत किया था और इसका जश्न भी मनाया था।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर किए गए पोस्ट में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में की जा रही पूर्ण राज्य की मांग की तुलना भी की। उन्होंने लिखा, “लद्दाख को राज्य का दर्जा देने का वादा भी नहीं किया गया था। उन्होंने 2019 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने का जश्न मनाया था और अब वह खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं और गुस्से में है। अब कल्पना कीजिए कि जम्मू-कश्मीर में हम कितना ठगा हुआ और निराश महसूस करते हैं, जब जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का वादा किया जाता है और उसे अधूरा छोड़ दिया जाता है। वह भी तब जबकि हम पूरे लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और जिम्मेदारी के साथ इसकी मांग कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 से पहले दोनों केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर राज्य का ही हिस्सा थे। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर केंद्र सरकार ने इसे दो हिस्सों में बांट दिया था। उस वक्त लद्दाख के लोगों ने इस विभाजन का स्वागत करते हुए कहा था कि कश्मीर की समस्याओं और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते उनके क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। उस समय पर लद्दाख में इसका जश्न भी मनाया गया था, लेकिन कुछ समय के बाद ही वहां पर लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
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