
नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) का पूर्ण राज्य दर्जा (state status) बहाल (restored) करने को लेकर सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौकरशाहों और वरिष्ठ पूर्व रक्षा अफसर समेत पांच (five former officers) याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चीफ जस्टिस बी. आर. गवई (CJI Gavai) के नाम खुला पत्र (letter) जारी किया है.उन्होंने स्वत: संज्ञान लेकर राज्य दर्जे को हटाने की संवैधानिकता तय करने के लिए पीठ का गठन कर मामले की सुनवाई किए जाने का आग्रह किया है.
साथ ही इसकी बहाली के लिए समय-सीमा तय करने का भी अनुरोध किया गया है. खुला पत्र लिखने वालों में जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकारों के पूर्व समूह में राधाकुमार, पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक के मेहता, एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक और भारतीय अंतरराज्यीय परिषद के पूर्व सचिव अमिताभ पांडे शामिल हैं.
मॉनसून सत्र में मुद्दा उठाने की मांग
उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे विभिन्न दलों के सांसदों से संसद के आगामी मॉनसून सत्र में इस मुद्दे को उठाने का भी आग्रह करेंगे. पत्र में यह भी कहा गया है कि दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष सॉलिसिटर जनरल का बयान कि राज्य का दर्जा केवल “चरणों में” बहाल किया जाएगा, संवैधानिक मुद्दे को नकार देता है कि किसी भी राज्य को पूरी तरह से केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बदला जा सकता है.
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