
मुम्बई (Mumbai)। अपने विवादित बोल और बयानों (Controversial lyrics and statements) को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहने वाले बॉलीवुड के दिग्गज गीतकार जावेद अख्तर (Veteran Bollywood lyricist Javed Akhtar) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। जावेद अख्तर ( Javed Akhtar) अक्सर किसी न किसी मुद्दे पर अपनी राय रखते रहते हैं, लेकिन हाल ही में गीतकार ने राम भगवान और सीता माता (Lord Ram and Mother Sita) पर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने कहा कि राम और सीता सिर्फ भगवान ही नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत (cultural heritage of india) हैं।
जावेद अख्तर को है इस बात का गर्व
कवि और गीतकार जावेद अख्तर ने गुरुवार को एक इवेंट में कहा कि भगवान राम और सीता न केवल हिंदू देवी-देवता हैं बल्कि उन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत कहा जा सकता है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में बोलते हुए अख्तर ने कहा कि रामायण भारत की सांस्कृतिक विरासत है और उन्हें राम और सीता की भूमि पर पैदा होने पर गर्व है।
भारत की संपत्ति हैं राम-सीता
जावेद अख्तर ने कहा, ‘राम और सीता केवल हिंदू देवी-देवता नहीं हैं। यह भारत की सांस्कृतिक विरासत है। हालांकि मैं नास्तिक हूँ फिर भी मैं राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानता हूं इसलिए मैं यहां आया हूं। रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह आपकी रुचि का विषय है। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं राम और सीता की भूमि पर पैदा हुआ हूं, जब हम मर्यादा पुरुषोत्तम की बात करते हैं तो राम और सीता ही याद आते हैं। तो, आज से जय सियाराम।’ गीतकार ने लोगों से ‘जय सिया राम’ के नारे लगाने के लिए भी कहा।
लगे जय सिया राम के नारे
इस इवेंट में जावेद अख्तर ने लखनऊ में अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि लोग एक-दूसरे का अभिवादन वहां पर ‘जय सिया राम’ कहकर किया करते थे। वह बोले, ‘मैं लखनऊ से हूं। बचपन में मैं ऐसे लोगों को देखता था जो अमीर थे वह गुड मॉर्निंग कहते थे, लेकिन सड़क से गुजरता हुआ एक आम आदमी कहता था, जय सिया राम। इसलिए सीता और राम को अलग-अलग सोचना पाप है। सिया राम शब्द प्रेम और एकता का प्रतीक है। सिया और राम तो एक ने ही अलग किए। उसका नाम रावण था। तो जो अलग करेगा वह रावण होगा। तो आप मेरे साथ तीन बार जय सिया राम का जाप करें। आज से जय सिया राम बोलें।’
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