
नई दिल्ली: कई सालों तक वैश्विक टेक इंडस्ट्री (Global Tech Industry) में जब भी भारतीय मूल (Indian Origin) के सबसे अमीर CEO की बात होती थी तो माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला (Satya Nadella) और गूगल के सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) का नाम सबसे ऊपर लिया जाता था, लेकिन अब यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 ने इस रेस में एक नया और ऐतिहासिक नाम जोड़ दिया है. अरिस्टा नेटवर्क्स के अध्यक्ष और CEO जयश्री उल्लाल.
रिपोर्ट के अनुसार जयश्री उल्लाल (Jayshree Ullal ) की कुल संपत्ति 50,170 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. यह आंकड़ा उन्हें न केवल सत्या नडेला और सुंदर पिचाई से आगे ले जाता है, बल्कि उन्हें दुनिया की सबसे अमीर भारतीय मूल की प्रोफेशनल CEO बना देता है. तुलना करें तो सत्या नडेला की संपत्ति करीब 9,770 करोड़ रुपये और सुन्दर पिचाई की लगभग 5,810 करोड़ रुपये आंकी गई है. इस अंतर ने सिलिकॉन वैली में भी सबका ध्यान खींचा है.
जयश्री उल्लाल 2008 से अरिस्टा नेटवर्क्स का नेतृत्व कर रही हैं. क्लाउड नेटवर्किंग और हाई-परफॉर्मेंस डेटा सेंटर्स के क्षेत्र में यह कंपनी आज एक ग्लोबल लीडर मानी जाती है. Forbes के अनुसार 2024 में अरिस्टा नेटवर्क्स का सालाना राजस्व करीब 7 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत की मजबूत बढ़त है. कंपनी की इस सफलता में उल्लाल की रणनीतिक सोच और तकनीकी समझ की बड़ी भूमिका मानी जाती है. उनके पास अरिस्टा नेटवर्क्स के करीब 3 प्रतिशत शेयर हैं, जिनका एक हिस्सा उन्होंने अपने परिवार के भविष्य के लिए सुरक्षित रखा है. कंपनी के शेयरों में आई जबरदस्त तेजी ने उनकी नेटवर्थ को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया.
जयश्री उल्लाल का जन्म 27 मार्च 1961 को लंदन में एक भारतीय मूल के परिवार में हुआ था. बहुत कम उम्र में वे भारत आ गईं और नई दिल्ली में उनकी शुरुआती पढ़ाई हुई. उनके पिता एक प्रतिष्ठित भौतिक विज्ञानी थे और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से जुड़े रहे. IITs की स्थापना से जुड़े शैक्षणिक ढांचे में उनके योगदान का असर जयश्री के जीवन पर भी साफ दिखता है. उन्होंने दिल्ली के जीसस और मैरी का कॉन्वेंट स्कूल से शिक्षा हासिल की, जिसके बाद परिवार अमेरिका चला गया. यहीं से उनके करियर को अंतरराष्ट्रीय दिशा मिली.
अमेरिका में जयंश्री उल्लाल ने इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर्स किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सेमीकंडक्टर और नेटवर्किंग सेक्टर में काम शुरू किया, जहां उनकी पहचान एक तेज निर्णय लेने वाली और दूरदर्शी लीडर के रूप में बनी.
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