रांची (Ranchi)। सालों से फरार झारखंड (Jharkhand) में आतंक का पर्याय बना उग्रवादी दिनेश गोप आखिरकार सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ गया। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (PLFI) के सुप्रीमो दिनेश गोप (Dinesh Gope) की गिरफ्तारी की एनआईए ने पुष्टि की है। जांच एजेंसी ने जारी बयान में बताया है कि दिनेश गोप खिलाफ 102 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख व एनआईए ने पांच लाख यानी कुल 30 लाख का इनाम रखा गया था।
उग्रवादी संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी है। बता दें कि गिरफ्तारी के बाद एनआईए एसपी प्रशांत आनंद के नेतृत्व में पुलिस की टीम उसे 2 दिन के ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रविवार की शाम को रांची पहुंची। मूल रूप से खषूंटी के कर्रा का रहने वाला दिनेश गोप उर्फ कुलदीप यादव उर्फ बड़कू 20 साल से फरार था। दिनेश गोप पर 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से 25 लाख रुपये झारखंड सरकार और 5 लाख रुपये का इनाम एनआईए ने घोषित कर रखा था।
बता दें कि चाईबासा के गुदड़ी इलाके में 3 फरवरी 2022 को दिनेश के दस्ते के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी। उस वक्त जंगल का फायदा उठाकर दिनेश भाग गया था। मुठभेड़ के बाद उसने नेपाल में शरण ली थी। वहां कुछ स्थानीय नेताओं के सहयोग से उसने निवेश भी किया।
पीएलएफआई का प्रभाव रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, चाईबासा आदि जिलों में है। इन इलाकों में लेवी वसूल कर दिनेश ने अकूत संपत्ति बनाई। 2007 में मसीहचरण पूर्ति के साथ मिल दिनेश ने पीएलएफआई की नींव रखी थी। पहले वह झारखंड लिबरेशन टाइगर नाम का उग्रवादी संगठन चलाता था। दिनेश गोप ने प्रभाव क्षेत्र वाले कई जिलो में आपराधिक छवि के युवाओं को पीएलएफआई की फ्रेंचाइजी दी। हथियावर व संगठन में एरिया कमांडर जैसे पद देकर वह युवाओं को टारगेट भी देता था।
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