
जम्मू। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) समेत पूरे उत्तर भारत (North India) में भारी बारिश (Heavy Rain) ने कोहराम मचाया हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक जम्मू में मंगलवार से बुधवार के बीच हुई बारिश ने पिछले 115 साल का रिकॉर्ड (Broke Record of 115 years) तोड़ दिया है। इस दौरानन करीब 296 मिलीलीटर बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश की वजह से सबसे ज्यादा जन हानि वैष्णो देवी की यात्रा करने के लिए दूसरे राज्यों से आए श्रद्धालुओं की हुई है। जानकारी के मुताबिक इस पूरे जम्मू कश्मीर में अभी तक 41 लोगों ने भारी बारिश की वजह से अपनी जान गंवा दी है। इसमें से 34 लोगों की मौत वैष्णो देवी के रास्ते पर अर्धकुमारी के पास हुए भूस्खलन की वजह से हुई है। इस हादसे में 28 लोग जख्मी है, जबकि कई लापता भी हैं। हालांकि बारिश में कुछ कमी आने के बाद पूरे राज्य में राहत और बचाव के कार्यों में तेजी आई है।
मंगलवार को तेजी के साथ बारिश और राज्य में बढ़ती भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए नॉर्दन रेलवे ने इस मार्ग पर चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा कई ट्रेनों के मार्गों को भी बदला गया है। हालांकि कटरा-श्रीनगर के बीच ट्रेन सर्विस जारी है। इन ट्रेनों के रद्द होने से दर्शन के लिए आए भक्तों की परेशानी बढ़ गई है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के तमाम राज्यों से आए श्रद्धालु ट्रेनों के रद्द हो जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में फंस गए है।
इसी बीच उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को पूरे घटना क्रम का जायजा लेने के लिए के लिए एक हाई-लेवल मीटिंग की। इसमें अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी लाने का निर्देश दिया गया। उप राज्यपाल ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित साह को भी इस बारे में जानकारी दी। मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थानीय विधायकों के साथ बैठक करके पूरे घटनाक्रम में पीड़ित लोगों के पास मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। उन्होंने पीएम मोदी से भी इस बारे में बात की और पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। मुख्य मंत्री ने बाद में पीएम मोदी को जम्मू-कश्मीर की जनता की खुले मन से मदद करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
इसी दौरान राहत और बचाव सामग्री से लदा भारतीय वायुसेना का एक सी-130 परिवहन विमान, एनडीआरएफ की एक टीम बचाव कार्यों के लिए जम्मू पहुंचा। जिससे राहत और बचाव कार्यों में और तेजी आई। हालांकि इससे पहले बारिश की वजह से यह काम आसान नहीं था, लेकिन बचाव कर्मियों ने बेहतर प्रदर्शन किया।
रियासी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक जुगल किशोर शर्मा ने राहत एवं बचाव कार्य को लेकर एएनआई से बात की। उन्होंने कहा, “29 मृतकों की पहचान हो गई है। पांच अभी भी अज्ञात हैं… उनकी भी पहचान करने की कोशिश हो रही है। चौदह घायलों का यहां इलाज चल रहा है। एक वापस चला गया है, जबकि 8 लोग कटरा अस्पताल में भर्ती में, जिनमें से 4 को निगरानी में रखा गया है। मृतकों की संख्या 34 है… 29 लोगों की पहचान हुई है।”
वहीं एनडीआरएफ के डीआईजी ने बताया, “पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण जम्मू क्षेत्र, हिमाचल और पंजाब के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई है। स्थिति को देखते हुए, हमने आज अतिरिक्त टीमों को भेजा है। उन्हें हवाई मार्ग से जम्मू क्षेत्र में पहुंचाया गया है। लुधियाना से सड़क मार्ग से चार और टीमों को भेजा गया है। अब जम्मू और कश्मीर में 18 टीमों को तैनात किया गया है।”
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