
लखनऊ । कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत (Congress leader Surendra Rajput) ने कहा कि जेपी नड्डा (JP Nadda) अपने स्वास्थ्य मंत्रालय के दायित्वों पर फोकस करें (Should focus on the responsibilities of his Health Ministry) ।
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के एक वीडियो को लेकर तंज कसा था। नड्डा ने कहा, “खड़ा हूं, आज भी वहीं, जहां मेरा झूठ पकड़ाया, सच सामने आया और मैंने अपना मजाक बनवाया, खड़ा हूं, आज भी वहीं।” इस पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, स्वास्थ्य विभाग उनके पास है। मैं समझता हूं कि उन्हें राहुल गांधी के वीडियो पर तंज कसने से ज्यादा अच्छा होगा कि वे स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में योगदान दें।
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के पास कोई काम नहीं है, इसलिए वे राहुल गांधी के वीडियो छांट रहे हैं। उन्होंने नड्डा को स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देने की सलाह दी, खासकर यूपी में जहां मरीजों को स्ट्रेचर और मृतकों को एंबुलेंस नहीं मिल रही। राजपूत ने कहा कि नड्डा को वीडियो देखने के बजाय अपने स्वास्थ्य मंत्रालय के दायित्वों पर फोकस करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने राजद नेता तेजस्वी यादव के राहुल गांधी को अगले प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी न केवल भावी पीएम हैं, बल्कि वर्तमान में भी जननेता हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता, विशेषकर महिलाएं, किसान, दलित, पिछड़ा और अति-पिछड़ा वर्ग, राहुल गांधी में अपने मुद्दों के समाधान की उम्मीद देखती है। कांग्रेस नेता ने तेजस्वी के बयान का स्वागत करते हुए इंडिया ब्लॉक की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि यह ब्लॉक सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ रहा है और राहुल गांधी भविष्य में देश की पहली पसंद होंगे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति और सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही कांग्रेस वैचारिक रूप से रेखा गुप्ता की विरोधी हो, लेकिन हिंसा का किसी भी रूप में समर्थन नहीं करती। उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि यदि नाथूराम गोडसे ने गांधी की हत्या न की होती, तो राजनीति में हिंसा का स्थान नहीं होता। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि हिंसा की चिंगारी खतरनाक होती है और हर रूप में हिंसा की निंदा होनी चाहिए।
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