
नई दिल्ली। तेलंगाना (Telangana) की कालेश्वरम परियोजना (Kaleshwaram Project) में कथित अनियमितताओं से जुड़ी जांच पूरी हो गई है। पीसी घोष न्यायिक आयोग (PC Ghosh Judicial Commission) की 1600 पृष्ठों की जांच रिपोर्ट आज तेलंगाना मंत्रिमंडल (Cabinet) में पेश की जाएगी। आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री केसी राव और पूर्व मंत्रियों- एटाला राजेंद्र और हरीश राव के नामों का भी जिक्र किया है।
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है – “मेदिगड्डा, अन्नाराम और सुंडिला (कालेश्वरम परियोजना के) में बैराज बनाने का निर्णय “सिंचाई मंत्री और मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत निर्णय” (sole and individual decision of the Minister (Irrigation) and the Chief Minister) था।
इस रिपोर्ट के मुताबिक इस संबंध में सरकार ने कोई औपचारिक “निर्णय” नहीं लिया। तीनों बैराजों का उल्लेख राज्य सरकार निर्णय (GOR) क्रमांक 231, 232 और 233 में 1.3.2016 को किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक बैराज निर्माण के लिए प्रारंभिक प्रशासनिक अनुमोदन न तो मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया गया और न ही मंत्रिमंडल ने इसे अनुमोदित किया।
तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 11.2.2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इसमें कालेश्वरम परियोजना की लागत 71,436 करोड़ रुपये बताई गई थी। आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक चौंकाने वाली बात ये भी है कि सरकार ने वैपकोस (WAPCOS) की तरफ से अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) प्रस्तुत किए जाने से पहले ही लागत करोड़ों रुपये में बता दी।
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