img-fluid

दीपक जलाने का आदेश देने वाले जस्टिस स्वामीनाथन को मिला 36 पूर्व जजों का साथ

December 21, 2025

नई दिल्‍ली। देश के 36 पूर्व न्यायाधीश (जज) मद्रास हाई कोर्ट के जज जी. आर. स्वामीनाथन के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने जस्टिस स्वामीनाथन (Justice Swaminathan) के खिलाफ महाभियोग (Impeachment) चलाने के विपक्षी नेताओं के कदम की निंदा करने की सांसदों सहित लोगों से शनिवार को अपील करते हुए कहा कि अगर इस तरह के प्रयास को आगे बढ़ने दिया गया तो यह लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही काट देगा। न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने एक दिसंबर को निर्देश दिया था कि अरुलमिघु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर, उच्ची पिल्लैयार मंडपम के पास परंपरागत रूप से दीप प्रज्वलन के अलावा दीपथून में भी दीपक जलाए।



एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि ऐसा करने से निकटवर्ती दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा। इस आदेश से विवाद खड़ा हो गया और नौ दिसंबर को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को न्यायाधीश को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने का नोटिस सौंपा।

इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पूर्व न्यायाधीशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह ‘‘समाज के एक विशेष वर्ग की वैचारिक और राजनीतिक अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं चलने वाले न्यायाधीशों को धमकाने का एक शर्मनाक प्रयास है।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस तरह के प्रयास को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है तो यह हमारे लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही काट देगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम सभी हितधारकों – सभी दलों के सांसदों, बार के सदस्यों, नागरिक संगठनों और आम नागरिकों से इस कदम की स्पष्ट रूप से निंदा करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि इसे शुरुआत में ही रोक दिया जाए।’’ बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि न्यायाधीशों को अपनी शपथ और भारत के संविधान के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए, न कि ‘‘पक्षपातपूर्ण राजनीतिक दबावों या वैचारिक धमकियों’’ के प्रति।

इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामीनाथन को पद से हटाने का प्रस्ताव लाने संबंधी विपक्ष के नोटिस पर नियम प्रक्रिया के तहत यह तय होगा कि इसे स्वीकार करना है या अस्वीकार करना है। बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि सदन में टकराव नहीं संवाद होना चाहिए। न्यायाधीश स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्ष द्वारा दिए गए नोटिस से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, “नोटिस मिला है, उस पर विचार कर रहे हैं, नियम प्रक्रिया के तहत यह तय करेंगे कि इसे स्वीकार करना या अस्वीकार।”

कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों ने ‘कार्तिगई दीपम’ मामले में फैसला देने वाले मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश जी. आर. स्वामीनाथन को पद से हटाने का प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस बीते नौ दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष बिरला को सौंपा था तथा आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति स्वामीनाथन का आचरण न्यायपालिका की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष कार्यप्रणाली के संबंध में गंभीर सवाल खड़े करता है। बिरला ने यह भी बताया कि देश की आजादी के बाद से लोकसभा में हुई चर्चाओं को अंग्रेजी और हिंदी भाषा में डिजिटल स्वरूप दिया जा चुका और आने वाले समय में इनका दूसरी भाषाओं में भी डिजिटलीकरण किया जाएगा।

Share:

  • पहले चलाया अफेयर, फिर शादी के लिए डॉक्टर ने रख दी ऐसी शर्त… प्रेमिका ने खा लिया जहर

    Sun Dec 21 , 2025
    लखनऊ: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक हिंदू महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उनके साथ पढ़ने वाले एक पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर ने प्रेम संबंध के दौरान शादी से पहले धर्म बदलने का दबाव डाला. महिला ने इसका विरोध किया तो प्रेमी […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved