
वाशिंगटन । अमेरिका (America) की नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति (the newly elected Vice President) कमला हैरिस (Kamala Harris) ने बड़ा वादा करते हुए कहा, मैं अमेरिकी संसद (Congress) में एक विधेयक लेकर आऊंगी, जिसमें 1.1 करोड़ उन आप्रवासी लोगों को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान होगा, जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। अमेरिका में 6.3 लाख भारतीय (6.3 million Indians in America) हैं, जो बिना दस्तावेज के 2010 के बाद से 72 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ रह रहे हैं।
ट्विटर पर कमला ने कहा, पद संभालते ही मेरी और नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस से अमेरिकी लोगों की जिंदगी बचाने की होगी। पहले दिन से हम और बाइडन कोरोना को काबू में करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने का भी संकल्प दोहराया, जिससे डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अपने हाथ खींच लिए थे।
उल्लेखनीय है कि 2015 के पेरिस समझौते के तहत वैश्विक तापमान को दो डिग्री सेल्सियस के नीचे रखा जाना है। हैरिस ने कहा, हम ड्रीमर्स (युवा अप्रवासियों) के हितों को सुरक्षित करने के लिए काम करेंगे। इसके लिए एक विधेयक लाएंगे, जिसमें उन्हें नागरिकता देने के लिए रोडमैप होगा। यह तो बस एक शुरुआत है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने अपने पूर्ववर्ती बराक ओबामा प्रशासन की ओर से लाई गई बचपन में आए लोगों के लिए स्थगित कार्रवाई (डीएसीए) कार्यक्रम पर रोक लगाने की योजना बनाई थी।
दिसंबर की शुरुआत में ही बचपन में बिना दस्तावेज अमेरिका पहुंचे आप्रवासी बच्चों के डीएसीए कार्यक्रम को लेकर ट्रंप को एक संघीय अदालत ने बड़ा झटका दिया था। अदालत ने ओबामा कार्यकाल के फैसले को पूरी तरह बहाल करने का आदेश दिया है।
डीएसीए के लिए पात्र कुल 20,000 भारतीयों में से सिर्फ 13 फीसदी ने ही इस कार्यक्रम के लिए अर्जी दी। इस तरह नए फैसले से लाखों भारतीय डीएसीए के हकदार हो सकेंगे। अमेरिका में अब तक डीएसीए कार्यक्रम में 6.4 लाख आप्रवासी नामांकित हैं। इनमें से दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान के 1,300, बांग्लादेश के 470, श्रीलंका के 120 और नेपाल के 60 ड्रीमर्स को डीएसीए का अधिकार प्राप्त है।
ट्रंप प्रशासन के पास अब दो विकल्प हैं। वह या तो अब संघीय अपीलीय अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील करे अथवा जज के नए आदेश को लागू करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाए। ड्रीमर्स अधिनियम के तहत ऐसे युवा आप्रवासी आते हैं, जो अमेरिका के विकास में भागीदार और राहत पाने के योग्य हैं और जिनके बच्चे शिक्षा पाने के हकदार हैं। इस कार्यक्रम के तहत बिना दस्तावेजों के अमेरिका में रहने वाले ऐसे अप्रवासियों को अस्थायी तौर पर सुरक्षा दिए जाने का प्रावधान है, जो तब बच्चे थे, जब अमेरिका पहुंचे थे। ऐसे लोगों को अमेरिका से निकाले जाने के खौफ के बगैर ही काम करने का हक दिया जाएगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved