
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) पर वोट खरीदने के आरोप लगाए हैं। भाजपा सांसद लहार सिंह सिरोया (BJP MP Lahar Singh Siroya) के आरोप हैं कि कांग्रेस ने 2018 में बदामी सीट पर वोट खरीदे थे। खास बात है कि इस सीट से सिद्धारमैया खड़े हुए थे और उन्होंने मामूली अंतर से जीत दर्ज की थी। सिरोया ने इस संबंध में ECI यानी भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को पत्र लिखा है और जांच की मांग की है। खास बात है कि कांग्रेस वोट चोरी के आरोपों को लेकर लगातार सरकार को घेर रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 अगस्त को सिरोया ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिद्धारमैया के करीबी सीएम इब्राहिम के भाषण का जिक्र किया है। भाजपा सांसद का कहना है कि इब्राहिम ने वोट खरीदे जाने वाली बात का खुलासा किया था। शनिवार को इब्राहिम की टिप्पणियों को लेकर सिद्धारमैया ने कहा कि वह 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ दो बार बदामी गए थे और जमीनी मामलों की उन्हें जानकारी नहीं है।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘उनकी स्पीच की रिकॉर्डिंग में स्पष्ट तौर पर 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बदामी सीट पर वोट खरीदने के बारे में बात की गई है। अगर आरोप सत्य हैं, तो ये चुनावी कानून का सीधा उल्लंघन है और सार्वजनिक महत्व का मामला है।’ इस सीट पर जीत के बाद सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद संभाला था।
साल 2018 का चुनाव
2018 में सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी और बदामी सीट से चुनाव लड़ा था। बदामी से उनके चुनाव लड़ने के फैसले को एक विकल्प के दौर पर देखा गया, क्योंकि चामुंडेश्वरी को मुश्किल सीट माना जा रहा था। बदामी से भाजपा ने दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु को मैदान में उतारा था। तब चुनाव से पहले हुए सर्वेक्षणों में संकेत मिल रहे थे कि बदामी में कड़ा मुकाबला हो सकता है। नतीजा आया, तो सिद्धारमैया ने 1696 वोट के अंतर से जीत दर्ज की।
सिरोया ने इब्राहिम के भाषण को लेकर एक्स पर पोस्ट किया, ‘उन्होंने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री बीबी चिमनकट्टी के साथ मिलकर 2018 में 3000 वोट खरीदने में मदद की थी, ताकि सिद्धारमैया बदामी सीट से चुनाव निकाल सकें।’
उन्होंने कहा, ‘अंत में श्री सिद्धारमैया का बदामी में जीत का अंतर सिर्फ 1696 वोट था। वह बहुत ही शर्मनाक अंतर था…। 2007 नोटा थे और उनकी जीत के अंतर से ज्यादा थे। श्री इब्राहिम 2018 में कांग्रेस के बड़े नेता थे और अपने मित्र के चुनाव के प्रभारी थे।’
भाजपा सांसद ने इब्राहिम से यह बताने की अपील की है कि वह कैसे वोट खरीदने में सफल हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, सिरोया ने कहा, ‘उन्होंने यह भी कहा कि श्री सिद्धारमैया ने इस खरीद के लिए खर्च किया था, लेकिन भुगतान होने में 6 महीने लग गए…।’
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