
बेंगलुरु (Bengaluru) । एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री, चिक्कबल्लापुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा सांसद डीवी सदानंद गौड़ा (DV Sadananda Gowda) ने चुनावी राजनीति से संन्यास (retirement) लेने की घोषणा की है। अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में उन्हें टिकट दिए जाने को लेकर संशय था। अब डीवी सदानंद गौड़ा ने राजनीतिक संन्यास की घोषणा की है। उन्होंने हसन में पत्रकारों से बात करते हुए अपने फैसले के बारे में बताया।
पत्रकारों से बातचीत में गौड़ा ने कहा, “मैंने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है। मेरे 30 साल के राजनीतिक करियर में पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। मैंने 10 साल तक विधायक, 20 साल तक सांसद, एक साल तक मुख्यमंत्री, 4 साल तक राज्य पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। मैंने नरेंद्र मोदी सरकार में सात वर्षों तक कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया है। अगर मैं और अधिक चाहता हूं, तो मुझे स्वार्थी कहा जाएगा।”
डीवी सदानंद गौड़ा पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। वह राजनीतिक बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में थे। उन्होंने बीजेपी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और राज्य सरकार पर हमला बोला। इस तरह उम्मीद थी कि वह एक्टिव पॉलिटिक्स में फिर से प्रवेश कर रहे हैं। हाल ही में उन्हें केंद्रीय नेताओं ने दिल्ली बुलाया था।
बीजेपी-जेडीएस गठबंधन से सदानंद गौड़ा की नाराजगी
चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने राज्य में बीजेपी और जेडीएस के बीच गठबंधन पर नाराजगी जताई। ऐसी अटकलें हैं कि गठबंधन के तहत चिक्कबल्लापुर निर्वाचन क्षेत्र जेडीएस के पास जाएगा। शायद इस वजह से सदानंद गौड़ा नाराज हैं।
पत्रकारों से बातचीत में गौड़ा ने कहा, “एनडीए गठबंधन को लेकर हमारे केंद्रीय नेता फैसला लेंगे। हालांकि, हमारे कार्यकर्ता इस पर सहमत नहीं हैं। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि जो पार्टी इतने सालों से इसका विरोध कर रही हो, उसके साथ अचानक गठबंधन करना ठीक नहीं है।”
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