
बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka) के राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Governor Thaawarchand Gehlot) के पास एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) बताया। कॉल पर उसने किसी काम के सिलसिले में मदद मांगी। राजभवन से जुड़े सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, यह फोन कॉल शनिवार दोपहर को प्राप्त हुई थी। एक अधिकारी ने को बताया, ‘राज्यपाल ने शुरुआती में उससे थोड़ी-बहुत बातचीत की। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें संदेह होने लगा। इसलिए उन्होंने थोड़ा रुकने और फिर से फोन आने का इंतजार किया।’
अधिकारी ने बताया कि दोबारा कोई फोन नहीं आया तो राज्यपाल गहलोत ने केंद्रीय मंत्री के कार्यालय से संपर्क किया। इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट रूप से ऐसा कोई भी फोन करने से इनकार किया। इसके बाद, राज्यपाल ने संबंधित क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त को सूचित किया और इस संबंध में विस्तृत जांच का आग्रह किया। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह कॉल कोलकाता से की गई थी। पुलिस ने कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिए जांच शुरू कर दी है।
सांप्रदायिक दंगों के मामले में 2 आरोपी गिरफ्तार
दूसरी ओर, मंगलुरु पुलिस ने 26 साल पुराने सांप्रदायिक दंगे के मामले में फरार दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इनमें से एक आरोपी को हाल में मुंबई हवाई अड्डे पर तब पकड़ा गया, जब वह दुबई से लौट रहा था। दूसरे को उसके गांव से गिरफ्तार किया गया। दोनों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि दोनों की गिरफ्तारी 31 दिसंबर, 1998 को मुल्की थाना क्षेत्र के हलियंगडी में हुए सांप्रदायिक दंगे, आगजनी और उपद्रव की घटना से जुड़ी है। इस संबंध में मुल्की पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।’
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