
नई दिल्ली । कर्नाटक(Mangaluru) के मंगलूरू(Karnataka) में उस वक्त सियासी हलचल तेज(bustle intensifies)हो गई जब कांग्रेस(Congress) के सैकड़ों मुस्लिम कार्यकर्ताओं(hundreds of Muslim workers] ने सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वजह थी दक्षिण कन्नड़ जिले में मुस्लिम युवाओं की हो रही हत्याएं पर सिद्धारमैया सरकार की चुप्पी। इस सामूहिक विरोध का नेतृत्व एक विशेष बैठक में किया गया जिसमें कार्यकर्ताओं ने साफ तौर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उबाल क्यों
इस विरोध की सबसे बड़ी झलक तब दिखी जब मंगलूरू के पूर्व मेयर के अशरफ ने कांग्रेस की जिला इकाई के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्य सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा और नफरत फैलाने वाले अपराधों को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि 32 साल के अब्दुल रहमान की बेरहमी से हुई हत्या के बाद मुस्लिम समाज में सरकार के खिलाफ उबाल है। अब्दुल रहमान को उनके साथी कलंदर शफी के साथ दक्षिण कन्नड़ जिले में घेर कर मार डाला गया। ये वारदात उस घटना के कुछ ही हफ्तों बाद हुई जब सुहास शेट्टी की हत्या इसी जिले में हुई थी।
क्या बोले सीएम सिद्धारमैया
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना पर सख्ती दिखाते हुए तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए और साथ ही ऐलान किया कि राज्य सरकार कम्युनल वॉयलेंस कंट्रोल फोर्स नाम से एक विशेष बल तैयार करेगी जो मंगलूरू, उडुपी और शिवमोग्गा जैसे जिलों में सांप्रदायिक तनाव को रोकने का काम करेगा।
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