
नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttarakhand) में केदारनाथ धाम की यात्रा (Tour to Kedarnath Dham0 एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में है. भारी बारिश और भूस्खलन के कारण गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच का मुख्य मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है. मंगलवार शाम से डेढ़ किलोमीटर के दायरे में पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से सड़क के 50-60 मीटर हिस्से पर मलबा जमा है. कुछ स्थानों पर सड़क वॉशआउट होने की आशंका है, जिस कारण स्थानीय प्रशासन ने यात्रा को दो-तीन दिनों के लिए रोक दिया है.
बता दें कि प्रशासन ने सुरक्षा के लिए सोनप्रयाग में केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को रोका है, जबकि धाम से लौटने वाले श्रद्धालुओं को गौरीकुंड में ठहराया गया है. रातभर बारिश और लगातार पत्थर गिरने से मलबा हटाने में जेसीबी मशीनों को दिक्कत हो रही है. रुद्रप्रयाग प्रशासन ने पुलिस बल तैनात कर यात्रियों को आगे बढ़ने से रोक दिया है. कार्यदायी संस्था मलबा हटाने में जुटी है, लेकिन मार्ग पूरी तरह खुलने में दो-तीन दिन लग सकते हैं.
प्रशासन ने फंसे यात्रियों के लिए सोनप्रयाग में धर्मशालाओं, होटलों और गौरीकुंड में सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी ठहरने-खाने की व्यवस्था की है. यात्रियों काफी मायूस है, लेकिन वे प्रशासन के सुरक्षा कदमों की सराहना कर रहे हैं. रुद्रप्रयाग प्रशासन ने अपील की है कि मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए यात्री अगले कुछ दिनों तक यात्रा टालें. मार्ग पूरी तरह साफ होने के बाद ही सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति मिलेगी.
मानसून में चारधाम यात्रा मार्गों पर भूस्खलन की समस्या आम है. केदारनाथ मार्ग पर पहले भी ऐसी घटनाएं यात्रा को बाधित कर चुकी हैं. प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है और मौसम साफ होने पर मार्ग जल्द खोलने की कोशिश कर रहा है. यात्रियों से आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करने की अपील की गई है.इसके साथ ही किसी भी स्थिति में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की गयी है.
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