
डेस्क। फरवरी 2017 में हुई एक घटना ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को अंदर तक झकझोर दिया। राज्य की व्यस्त सड़कों में से एक पर सफर के दौरान कुछ लोगों के एक समूह ने एक मशहूर अभिनेत्री को चलती कार में अगवा कर लिया और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। यह घटना न सिर्फ अत्यंत भयावह थी, बल्कि उस इंडस्ट्री के लिए भी गहरा आघात थी, जो लंबे समय से कलाकारों के बीच सौहार्द और भाईचारे के लिए जानी जाती रही है, लेकिन मामला यहीं नहीं रुका।
जल्द ही यह एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया जिसने इंडस्ट्री की ताकत और उसके भीतर की राजनीति को नए सिरे से उजागर कर दिया। मलयालम सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक दिलीप जिन्होंने शुरुआत में पीड़ित अभिनेत्री के समर्थन में बयान दिए थे, अचानक इस केस के केंद्र में आ गए। उन्हें गिरफ्तार किया गया और उन पर आरोप लगा कि उन्होंने ही इस हमले की साजिश रची थी। इस मामले की आज एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट में सुनवाई हुई और फैसल सुरक्षित रख लिया गया है।
एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया, जज हनी एम वर्गीस ने घोषणा की है कि एक्ट्रेस पर हमले के मामले में एक्टर दिलीप दोषी नहीं पाए गए हैं। फैसला 12 दिसंबर के लिए सुरक्षित रखा गया है। एक्टर दिलीप को यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया गया है। इस मामले में उनका नाम आरोपी नंबर 8 के तौर पर लिस्ट में था। कोर्ट से बाहर आकर दिलीप मीडिया के सामने हाजिर हुए और उन्होंने बयान में कहा, ‘मेरे खिलाफ कॉन्सपिरेसी की गई थी।’
दिलीप से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में फैसला आने से ठीक पहले वुमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (WCC) ने रविवार 7 दिसंबर की शाम एक बयान जारी कर पीड़िता के प्रति अपना समर्थन जताया। अपने वक्तव्य में उन्होंने लिखा, ‘उनकी लड़ाई ने सिनेमा जगत की महिलाओं, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री और पूरे केरल समाज के लिए कई कठिन रास्ते खोले हैं। इस घटना का प्रभाव हमारी सामूहिक सोच पर पड़ा है और बदलाव की मांग को मजबूत किया है। उन्होंने इन वर्षों में जिस साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है, और जिस तरह सिस्टम पर भरोसा बनाए रखा है, वह बेहद उल्लेखनीय है।’
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