भोपाल से इंदौर तक बना ग्रीन कॉरिडोर
शैल्बी हास्पिटल में शुरू हुआ ट्रांसप्लांट
इंदौर। भोपाल की 62 वर्षीय महिला पुष्पलता जैन की मौत के बाद बंसल अस्पताल (Bansal Hospital) में हुए अंगदान की प्रक्रिया के बाद आज सुबह इंदौर (Indore) के मरीज के लिए किडनी भेजी गई। सुबह साढ़े आठ बजे ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से शैल्बी हास्पिटल पहुंची किडनी का ट्रांसप्लांट शुरू किया गया।
भोपाल से इंदौर (Bhopal To Indore) तक बने ग्रीन कॉरिडोर (green corridor) के माध्यम से इंदौर के मरीज को नया जीवन मिला। शैल्बी हास्पिटल में भर्ती युवती योगिता भंवर का किडनी ट्रांसप्लांट कराया गया। 19 साल की युवती पिछले सात सालों से डायलिसिस पर थी। युवती का कई अस्पतालों में इलाज हुआ, लेकिन अंगदान ही एकमात्र सहारा था। भोपाल की पुष्पलता जैन की किडनी के लिए पहले भोपाल के ही अस्पतालों में तलाश शुरू की गई, लेकिन भोपाल में ट्रांसप्लांट की कोई आवश्यकता सामने नहीं आई तो इंदौर के शैल्बी अस्पताल में भर्ती युवती के लिए भोपाल से इंदौर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। देर रात इंदौर से भोपाल पहुंचे डाक्टरों की टीम ने परीक्षण किया और अंगदान की प्रक्रिया को पूर्ण कराया। सुबह छह बजे तक चली प्रक्रिया के बाद किडनी बाय रोड इंदौर के लिए रवाना की गई। डाक्टरों ने सुबह 8.30 बजे शैल्बी अस्पताल पहुंची किडनी के ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू की। ज्ञात हो कि पूर्व में भी भोपाल से इंदौर तक के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। यह दूसरा मामला था, जिसमें मरीज की जान बचाने के लिए इतने लंबे कॉरिडोर का संचालन किया गया।
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