
डेस्क: यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के बीच चल रही जंग (War) को तीन साल से ज़्यादा हो गए हैं. ये लड़ाई अब बंदूकों और बमों से आगे बढ़कर तकनीक (Technology) के दम पर लड़ी जा रही है. यूक्रेन की सेना (Army) ने जंग लड़ने का ऐसा तरीका निकाला है जो पहले कभी नहीं देखा गया. अब यूक्रेनी सैनिक अगर किसी रूसी सैनिक (Soldier) को मारते हैं या उनका कोई हथियार तबाह करते हैं, तो उन्हें उसके बदले ‘प्वाइंट्स’ (Points) मिलते हैं. पढ़ने में अजीब लगेगा पर ये हकीकत है. जैसे कोई मोबाइल गेम हो, जिसमें दुश्मन को मारो और स्कोर बढ़ाओ- कुछ वैसा ही अब असल जंग में हो रहा है. ये स्कीम यूक्रेन ने 2023 में ट्रायल के तौर पर शुरू की थी, जिसे नाम दिया गया “Army of Drones: Bonus”, यानी ड्रोन सेना का बोनस.
अब जंग के मैदान में सिर्फ लड़ना ही नहीं, हर हमले को रिकॉर्ड भी किया जाता है. यूक्रेन के सैनिक जब किसी टैंक, गाड़ी या रूसी सैनिक पर हमला करते हैं, तो उस पूरी घटना का वीडियो बनाया जाता है. फिर उस वीडियो को कीव में बैठे एक्सपर्ट्स की टीम को भेजा जाता है. वहां पर हर वीडियो को ध्यान से देखा जाता है, जांच की जाती है कि कितनी बर्बादी हुई, कितने लोग मरे या जख्मी हुए, और फिर उस हिसाब से पॉइंट्स दिए जाते हैं. जितना बड़ा हमला, उतने ज्यादा पॉइंट्स.
इस स्कीम को “ई-पॉइंट्स सिस्टम” कहा जाता है. इसमें सैनिकों को हर काम के लिए एक तय पॉइंट्स मिलते हैं. उदाहरण के लिए, अगर कोई रूसी टैंक पूरी तरह तबाह किया गया, तो यूनिट को 40 पॉइंट्स मिलते हैं. मल्टीपल रॉकेट सिस्टम उड़ाने पर 50 पॉइंट्स मिलते हैं. अगर कोई दुश्मन का हथियार सिर्फ थोड़ा नुकसान पहुंचा है, तो उस पर भी पॉइंट्स मिलते हैं.
अब ये पॉइंट्स सिर्फ स्कोर की तरह नहीं हैं, बल्कि इन्हें सैनिक बाद में इनाम में बदल सकते हैं. जैसे—नए ड्रोन, हथियार, बॉडी आर्मर या ज़रूरी सामान खरीद सकते हैं. पहले इन पॉइंट्स को कैश में बदलकर खुद सामान खरीदना पड़ता था, लेकिन अब यूक्रेन सरकार ने इसके लिए एक खास ऑनलाइन मार्केट शुरू कर दिया है, जिसका नाम है “Brave 1 Market”.
इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 1600 से ज्यादा चीजें उपलब्ध हैं. ड्रोन के पार्ट्स, कैमरे, ग्राउंड व्हीकल्स, मेडिकल उपकरण और बहुत कुछ. सैनिक अपनी पसंद की चीजें चुन सकते हैं, पॉइंट्स से पेमेंट कर सकते हैं और जरूरत का सामान फ्रंटलाइन पर मंगवा सकते हैं. यूक्रेन सरकार का कहना है कि ये सिस्टम इसलिए लाया गया ताकि सैनिकों को ज़रूरी सामान जल्दी और सीधे मिल सके, बिना किसी सरकारी झंझट के.
फ्रंटलाइन पर तैनात कई सैनिकों ने बताया कि ये सिस्टम उनके लिए मददगार साबित हो रहा है. बहुत से सैनिक लगातार लड़ाई से थक चुके हैं, लेकिन अब जब उन्हें अपने काम का सीधा फायदा दिखता है, तो उनमें नई ऊर्जा आती है.
रिपोर्ट के अनुसार, 22वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड में तैनात एक सैनिक ने कहा, ‘हम लोग बहुत थक चुके हैं, लेकिन जब हमें इनाम मिलता है, तो लगता है कि कुछ हासिल हो रहा है.’ 108वीं टेरिटोरियल डिफेंस ब्रिगेड के एक और सैनिक ने कहा कि इस सिस्टम से हमें जो ड्रोन और सामान मिलता है, उससे हम दुश्मन को और मजबूती से टक्कर दे पाते हैं.
इस स्कीम में एक और खास बात ये है कि अगर कोई रूसी सैनिक को मारा जाए तो 1 पॉइंट मिलता है, लेकिन अगर कोई उसे जिंदा पकड़ ले तो उसके 10 पॉइंट्स मिलते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जिंदा पकड़े गए दुश्मनों को कैदियों की अदला-बदली में इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे सैनिकों को ये सीख भी दी जाती है कि हर बार दुश्मन को मारना ही जरूरी नहीं, कभी-कभी उसे पकड़ना ज़्यादा फायदेमंद होता है.
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