
नई दिल्ली । गाजा में इजरायल (Israel in Gaza)के बढ़ते हमले से वहां हो रहे महाविनाश(Great destruction) और जनसंहार से चिंतित(Worried about mass murder) कई मुस्लिम देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(US President Donald Trump) से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा(United Nations General Assembly) की वार्षिक बैठक से इतर मिलने का प्लान बनाया है। जिन देशों के नेता ट्रंप से मिलेंगे उनमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान के नेता और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। माना जा रहा है कि मंगलवार को होने वाली इस बैठक में ट्रम्प अरब दुनिया के मुस्लिम नेताओं को गाजा युद्ध समाप्त करने की अमेरिकी योजना और सिद्धांतों से अवगत कराएंगे।
दो अमेरिकी अधिकारियों और दो अरब अधिकारियों के हवाले से एक्सियोस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रम्प मंगलवार को अरब और मुस्लिम नेताओं के एक समूह को गाजा में शांति और युद्ध के बाद गाजा में कैसा शासन हो, इसके सिद्धांतों और योजनाओं से अवगत कराएँगे। बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रम्प संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में गाजा प्रस्तावों पर भी चर्चा करेंगे या नहीं, जो बैठक से कई घंटे पहले होगा।
ट्रंप का तीन सूत्री प्लान क्या?
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्लान में मुख्य तौर पर तीन बातें हैं, पहला बंधकों की रिहाई, दूसरा गाजा से इजरायल की वापसी पर बातचीत और युद्ध के बाद गाजा में ऐसा शासन स्थापित करना, जिसमें हमास की कोई भूमिका न हो। माना जा रहा है कि हमास-इजरायल के बीच युद्ध समाप्त करने के लिए ट्रम्प का यह अब तक का सबसे ठोस प्रस्ताव होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका यह भी चाहता है कि अरब और मुस्लिम देश गाजा में सैन्य बल भेजने पर सहमत हों ताकि इजरायल की गाजा से वापसी संभव हो सके और संक्रमण काल तथा एन्क्लेव के पुनर्निर्माण के लिए अरब और मुस्लिम धन सुरक्षित हो सके। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने सोमवार को कहा कि उनका देश गाजा में शांति सेना के लिए सैनिक भेजने के लिए तैयार है। दरअसल, ट्रंप गाजा से इजरायल की विदा कर वहां एक एन्क्लेव का निर्माण चाहते हैं और इसमें अरब देशों को साथ करना चाहते हैं, ताकि इजरायल पर दबाव बनाया जा सके।
इजरायल के खिलाफ कई यूरोपीय देश एकमत
इस बीच, इजरायल तीन बख्तरबंद और पैदल सेना डिवीजनों के साथ गाजा शहर पर कब्जा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है, जबकि न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में, द्वि-राज्य समाधान के समर्थन में फ्रांस समेत कई अन्य यूरोपीय देश एकमत हो चुके हैं। वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ‘ग्रेटर इजरायल’ की अपनी परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ते दिख रहे हैं। गाजा में इजरायली सैन्य अभियान को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं का शिकार होने और अपने देश के अलग-थलग पड़ने की बढ़ती संभावनाओं के बावजूद ऐसा प्रतीत होता है कि नेतन्याहू अपना आधा लक्ष्य हासिल कर चुके हैं।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य 193 देशों में से 147 देश फ़िलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे चुके हैं और अब ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद पुर्तगाल ने भी फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर औपचारिक मान्यता देने की घोषणा कर दी है। भारत नवंबर 1988 में पहले ही फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दे चुका है और उसके साथ तभी राजनयिक संबंध स्थापित कर लिये थे। पुर्तगाल ने अपने ऐलान में कहा कि द्वि-राष्ट्र समाधान ही “न्यायसंगत और स्थायी शांति का एकमात्र मार्ग” है।
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