
उज्जैन। रेलवे स्टेशन पर ऑटो चालकों द्वारा आए दिन अराजकता की स्थिति बनाई जाती है और हर दिन विवाद होते हैं। आज सुबह फिर ऑटो चालक पर चाकुओं से हमला हो गया। 9 दिन पहले इसी ऑटो चालक पर दो बदमाशों ने हमला किया था और ठीक होकर आज सुबह स्टेशन पर आया तो तीन लोगों ने फिर उसे घायल कर दिया। पूरा स्टेशन परिसर ऑटो चालकों के कब्जे में रहता है और अधिकांश ऑटो चालक अपराधिक रिकार्डधारी हैं जिनका पुलिस द्वारा वैरिफिकेशन नहीं किया जाता। जीआरपी थानाप्रभारी राधेश्याम महाजन ने बताया कि नीलगंगा जबरन कॉलोनी में रहने वाला सूरज पिता मोहनलाल मीणा उर्फ बारीक ऑटो रिक्शा चलाता है और रेलवे स्टेशन से ऑटो संचालित करता है। उसका पूर्व से अपराधिक रिकार्ड है। आज सुबह 7 बजे जब वह रेलवे स्टेशन पर पहुँचा तो उस पर जावेद, आसिफ और सौरभ ने चाकू से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया और वहाँ से भाग निकले। पुलिस ने बताया कि सूरज पर 9 दिन पहले दो बदमाशों ने स्टेशन पर हमला किया था और पुलिस अभिरक्षा में उसे अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार दिया गया था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद आज सुबह जब वह स्टेशन पर आया तो दूसरे लोगों ने उस पर फिर से हमला कर दिया। चाकूबाजी होते ही स्टेशन पर अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।
जीआरपी पुलिस की निष्क्रियता
रेलवे स्टेशन के बाहर परिसर में दिनभर में असामाजिक तत्वों का मजमा लगा रहता है जिसमें अधिकांश ऑटो चालक हैं और वे परिसर में अनैतिक गतिविधियाँ करते रहते हैं लेकिन जीआरपी थाना पुलिस के जवान कार्यालय में ही बैठे रहते हैं और स्टेशन की व्यवस्था सुधारने के प्रयास नहीं करते, इस वजह से यहाँ आए दिन इस तरह की अपराधिक घटनाएँ हो रही हैं। आज सुबह इस बारे में एडिशनल एसपी राकेश खाखा ने कहा कि स्टेशन परिसर में इस तरह की अराजकता की जानकारी मिली है और आज ही थानाप्रभारी को कार्रवाई के आदेश देता हूँ।
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