img-fluid

कुलभूषण जाधव का अपहरण करने वाले मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या, ISI से रहा है कनेक्शन, जानें

March 09, 2025

नई दिल्ली । बलूचिस्तान के तुरबत (Turbat, Balochistan)में शुक्रवार रात अज्ञात हमलावरों(Unknown attackers) ने मुफ्ती शाह मीर(Mufti Shah Mir) को गोली मारकर हत्या (shot dead)कर दी। मीर पर आरोप था कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की मदद से भारतीय व्यवसायी और पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण कराया था। मीर मानव तस्करी में भी शामिल था। वह स्थानीय मस्जिद से रात की नमाज अदा करने के बाद बाहर आ रहा था, तभी बाइक सवार हमलावरों ने उसे घेरकर नजदीक से गोलियां मारीं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मीर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। एक और टारगेट किलिंग के बाद पाकिस्तान में फिर एकबार सवाल गूंज रहा है कि आखिर भारत के दुश्मनों को कौन मार रहा है।

मीर मुफ्ती के रूप में अपनी पहचान बनाई थी और जमीयत उलमा-ए-इस्लाम नामक एक इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी का सदस्य था। सूत्रों के अनुसार, मीर ISI-समर्थित दस्तों का अहम सदस्य था और कई बलूच युवाओं के अपहरण और हत्या में शामिल था। वह बलूचिस्तान में धार्मिक उग्रवाद फैलाने में भी शामिल था।


ईरान से हुआ था कुलभूषण जाधव का अपहरण

मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को जैश अल-अद्ल के मुल्ला उमर इरानी के नेतृत्व में एक समूह ने ईरान-पाकिस्तान सीमा से अपहरण किया और मीर सहित कई बिचौलियों के माध्यम से पाकिस्तानी सेना के हवाले कर दिया। नवंबर 2020 में इरानी और उसके दो बेटों की भी उसी इलाके तुरबत में हत्या कर दी गई थी, जिसे ISI से जोड़कर देखा गया।

मीर की हत्या को ISI ऑपरेटरों की आंतरिक संघर्ष का हिस्सा माना जा रहा है। पिछले सप्ताह जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के दो अन्य नेताओं वडेरा गुलाम सरवर और मौलवी अमानुल्लाह को बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मीर पर आरोप था कि वह पाकिस्तानी सेना को बलूच लड़ाकों के बारे में खुफिया जानकारी मुहैया करवा रहा था। 2023 में एक शिक्षक अब्दुल रऊफ की हत्या भी मीर के आदेश पर की गई थी।

कौन हैं कुलभूषण जाधव?

कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना से जल्दी रिटायर होकर ईरान के चाबहार में एक व्यवसाय चला रहे थे। 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के चमन क्षेत्र में उनका अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद उन्हें पाकिस्तान ले जाया गया। अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में मौत की सजा सुनाई। भारत ने इस फैसले को पूर्व नियोजित हत्या करार दिया था। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान सरकार से मामले की पुनः समीक्षा करने और भारत को कांसुलर एक्सेस प्रदान करने को कहा था।

Share:

  • शरजील इमाम ने नफरत फैलाने के लिए चालाकी से भाषण दिया, आरोप तय करते ही बोली दिल्ली की कोर्ट

    Sun Mar 9 , 2025
    नई दिल्ली । दिल्ली के जामिया(Jamia of Delhi) इलाके में वर्ष 2019 में हुए दंगे के मामले(Riot cases) में आरोपी शरजील इमाम (accused Sharjeel Imam)पर आरोप तय(Charges framed) करते हुए अदालत ने कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। अदालत ने कहा है कि वरिष्ठ पीएचडी छात्र होने के चलते आरोपी शरजील ने अपने भाषण को चालाकी […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved