मुंबई (Mumbai) कोरोना महामारी और लॉक डाउन के बैकग्राउंड (lock down background) पर बनी निर्देशक शुवेंदु राज घोष की फिल्म ‘कुसुम का बियाह’ (‘Kusum’s marriage’) काफी रियलिस्टिक है। एक सच्ची घटना पर बनी इस फ़िल्म की कहानी में दिलचस्पी भी है, दर्द है, कॉमिक क्षण भी हैं। इस शुक्रवार एक मार्च को बड़े पर्दे पर रिलीज हो रही ‘कुसुम का बियाह’ के बारे में आइए जानते है कैसी है यह फिल्म।फ़िल्म में कुसुम की भूमिका सिक्किम की सुजाना दार्जी ने बहुत ही रियल ढंग से निभाई है। लवकेश गर्ग ने कुसुम के पति के रोल में जान डाल दी है। निर्माता प्रदीप चोपड़ा की भी फ़िल्म में महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके अभिनय में बहुत स्वाभाविकता है। एक गरीब परिवार के मुखिया के किरदार को उन्होंने पर्दे पर जीवंत कर दिया है। एक दृश्य में वह अपनी बहू को उनके कंगन बेचने से मना करते हैं, जो बहुत मार्मिक है। इनके अलावा राजा सरकार, सुहानी बिस्वास, पुण्य दर्शन गुप्ता, रोज़ी रॉय भी अहम किरदारों में दिखाई देते हैं।
फिल्म की कहानी, पटकथा और संवाद लेखक विकाश दुबे और संदीप दुबे हैं, जबकि इसके गीतकार संगीतकार भानु प्रताप सिंह हैं। फ़िल्म के कार्यकारी निर्माता चंदन साहू, डीओपी सौरव बनर्जी, एडिटर राज सिंह सिधू हैं। सीमित बजट और संसाधनों में भी कैसे एक अच्छी कहानी को पर्दे पर प्रस्तुत किया जा सकता है, इसके लिए आपको फ़िल्म ‘कुसुम का बियाह’ देखना चाहिए।
निर्माता: प्रदीप चोपड़ा, बलवंत पुरोहित
निर्देशक: शुवेंदु राज घोष
कलाकार: सुजाना दार्जी, लवकेश गर्ग, राजा सरकार, सुहानी बिस्वास, प्रदीप चोपड़ा, पुण्य दर्शन गुप्ता, रोज़ी रॉय
अवधि: 1 घंटे 40 मिनट
रेटिंग: 4 स्टार्स
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