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लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व में तेंदुए की हुई दिल की बीमारी से मौत, मिला जमा खून का थक्का

July 02, 2024

लखीमपुर (Lakhimpur) । अब तक इंसानों को दिल की बीमारी (Heart disease) लगने की बात तो सुनी जाती थी पर अब तेंदुए (Leopards) भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) के बफर जोन में एक तेंदुए की मौत की वजह कार्डियक शॉक बताई जा रही है। वन विभाग की ओर से किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महज छह माह के शावक के हृदय में खून का थक्का जमा मिला। मामले में विशेषज्ञ की राय और सलाह के लिए वन विभाग ने तेंदुए का बिसरा आईवीआरआई बरेली को भेजा है।

दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन और कतर्निया घाट जंगल के बीच गलियारों से तेंदुओं का आना-जाना लगा रहता है। कतर्नियाघाट का जंगल लांघकर तेंदुए बफर जोन की धौरहरा रेंज में आते हैं। 28 जून को इस रेंज में तेंदुए के एक छह माह के शावक का शव मिला था। पहले तो यह अनुमान लगाया गया कि आपसी संघर्ष में तेंदुए की मौत हुई होगी लेकिन शव परीक्षण के दौरान उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया तो दुधवा के अफसर हैरत में पड़ गए क्योंकि तेंदुए के हृदय में खून के थक्के मिले।

दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशक ललित वर्मा ने बताया कि तेंदुए के हृदय में खून के थक्के पाए गए। इससे जाहिर हुआ कि उसकी मौत दिल की बीमारी से हुई है। पशु चिकित्सकों ने मौत की वजह भी कार्डियो शॉक लिखा है। वर्मा ने बताया कि तेंदुओं में आम तौर पर ऐसा दिखता नहीं है। इस बारे में विशेषज्ञ की सलाह के लिए उसका सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजा गया है। अब आईवीआरआई यह देखेगा कि तेंदुओं को दिल की बीमारी लगने की वजह क्या है। इसके पीछे कहीं उनके रहन-सहन या वास स्थल से जुड़ी कोई वजह तो नहीं है।


पहले भी अंग फेल होने से जान गंवाते रहे शावक
25 मई को दुधवा के बफर जोन से ही एक तेंदुआ शावक को रेस्क्यू किया गया था। उसके शरीर में पानी की बेहद कमी थी। इलाज के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। उसकी मौत के पीछे भी अंदरूनी अंग फेल होने की वजह सामने आई थी। इन मौतों के बाद तेंदुआ शावकों की बीमारी को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतनी कम उम्र में तेंदुओं को यह रोग कैसे लग रहे हैं।

आईवीआरआई बरेली के डॉ अभिजीत पावड़े ने कहा कि तेंदुए के हृदय में रक्त के थक्के जमने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि वह किसी आवाज से डर गया हो या फिर कुत्तों के झुंड ने उसे दौड़ा दिया हो। इन कारणों से भी हार्ट शॉक हो सकता है। इस तेंदुए की मौत का विशेष कारण बिसरा सैंपल की जांच के बाद ही पता चलेगा।

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