
इंदौर। शहर की पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इंदौर जिले में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत इंदौर की सांवेर, हातोद और देपालपुर तहसीलों के गांवों से संबंधित जमीनों के अधिग्रहण के लिए राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी गई है। मंत्रालय की अधिसूचना में तमाम प्रभावितों को अधिसूचना प्रकाशन के 21 दिन के भीतर अपने दावे-आपत्ति दर्ज कराने का आग्रह किया गया है। संबंधित किसान और भूस्वामी अपनी तहसीलों के अनुविभागीय अधिकारी या सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपनी आपत्तियां लिखित रूप में दे सकते हैं। सुनवाई के बाद अधिग्रहण को लेकर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
एक क्लिक से सीधे खाते में आ जाएगा मुआवजा
नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और भूमि राशि पोर्टल की कार्यप्रणाली को विस्तार से समझाने के लिए इंदौर में वृहद कार्यशाला आयोजित की गई। मंगलवार को हुए इस आयोजन में इंदौर के अलावा भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम् संभागों के अफसर शामिल हुए। सभी एसडीएम को बताया गया कि किस तरह केवल एक क्लिक पर किसानों और भूस्वामियों के खाते में सीधे मुआवजा वितरण किया जा सकता है।
ट्रेनिंग देने के लिए एनएचएआई के उपसचिव अभय जैन और रीजनल ऑफिसर श्रवणकुमार सिंह विशेष रूप से इंदौर आए थे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि हाल ही में सरकार ने भूमि राशि पोर्टल का वर्जन-2 लांच किया है। इस पोर्टल के जरिए सारा काम रियल टाइम बेसिस पर होता है। पहले हर स्तर पर यह सारी प्रक्रिया पूरी करने में दो से तीन महीने का समय लगता था, लेकिन पोर्टल की मदद से यह काम महज 8-10 दिन में हो जाता है। इसमें संयुक्त सर्वे के दौरान ही जमीन मालिकों से पेनकार्ड और बैंक खाते संबंधी जानकारी ले ली जाती है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि कार्यशाला में लगभग 75 एसडीएम समेत 125 लोगों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दी गई। सभी ने इस आयोजन की सराहना की। रीजनल ऑफिसर ने बताया कि पोर्टल की मदद से मध्यप्रदेश में एनएचएआई की विभिन्न परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया कम समय में और तेजी से पूरी करने में मदद मिलेगी।
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