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इंदौर-धार के 44 गांवों की जमीनें पीथमपुर मास्टर प्लान में, हाईकोर्ट में दायर की केविएट

September 23, 2023

  • साढ़े 12 हजार में से 500 हेक्टेयर जमीन आपसी सहमति से कर चुके हैं हासिल, अब एक तरफा अधिग्रहण की प्रक्रिया पर स्टे ना मिल जाए इसलिए एमपीआईडीसी ने उठाए एहतियाती कदम

इन्दौर (Indore)। पिछले दिनों पीथमपुर निवेश क्षेत्र को अंतिम रूप देते हुए गजट नोटिफिकेशन किया गया था, जिसमें इंदौर और धार जिले के 44 गांवों की लगभग साढ़े 12 हजार हेक्टेयर की जमीन को अधिग्रहण की प्रक्रिया में लिया जाना है। अभी तक आपसी सहमति से लगभग 500 हेक्टेयर जमीन एमपीआईडीसी ने हासिल कर ली है, लेकिन एकतरफा स्टे अधिग्रहण की चल रही प्रक्रिया पर ना मिल जाए, जिसके चलते एहतियाती कदम उठाते हुए हाईकोर्ट में केविएट दायर की गई है। 

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पीथमपुर मास्टर प्लान के अलावा सेक्टर-7 भी विकसित किया जा रहा है, जिसमें 12 गांवों की जमीनें शामिल है। उनमें सलमपुर, रड़मलबिल्लोद, काली बिल्लोद, बेटमाखुर्द, बेटमा खास, विजयपुर, अम्बापुरा, भंवरगढ़, तारपुरा व अन्य गांवों की जमीनें शामिल की गई है। एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक प्रतुल्लचंद सिन्हा के मुताबिक सेक्टर-7 में भूखंड आरक्षण की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है, क्योंकि लगभग 400 हेक्टेयर जमीन भू-धारकों से प्राप्त हो चुकी है और इसमें मुआवजे के लिए 20 प्रतिशत राशि नकद और शेष 80 प्रतिशत राशि के समतुल्य विकसित भूखंड आरक्षित किए जाएंगे। अभी तक 20 फीसदी मुआवजे के रूप में लगभग 122 करोड़ रुपए का भुगतान भी किसानों, जमीन मालिकों को किया जा चुका है।

भूखंड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ रेंडमाइजेशन विधि से कम्प्यूटर द्वारा ही की जाएगी और भू-धारकों के साथ इस संबंध में अभी 26 सितम्बर को बैठक भी आयोजित की गई है, जिसमें सभी जमीन मालिकों को इंदौर मुख्यालय में 12 बजे मौजूद रहने का निवेदन किया गया है। वहीं जमीन मालिकों के सगे-संबंधी या मित्रों द्वारा मिलकर ग्रुप बनाया जाता है तो एक ही स्थान पर भूखंड आरक्षण की पात्रता भी बन सकती है और अगर जमीन मालिक भूखंड समूह के आधार पर क्लब करना चाहते हैं तो उसकी भी जानकारी एमपीआईडीसी को दी जा सकती है। दूसरी तरफ पीथमपुर निवेश क्षेत्र के संबंध में 5 साल पहले नोटिफिकेशन जारी किया था और अब इंदौर और धार के 44 गांवों में शामिल जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया आपसी सहमति से शुरू की गई है और संबंधित जमीन मालिकों को इस आशय की सूचना भी दे दी है। 500 हेक्टेयर से अधिक जमीन पहले से ही अधिग्रहित की जा चुकी है और शेष की प्रक्रिया जारी है। उसी में हाईकोर्ट से कहीं एकतरफा स्टे हासिल ना हो जाए, जिसके चलते हाईकोर्ट में केविएट भी दायर की जा रही है। जमीनों का अधिग्रहण राजस्व विभाग की नीति के अनुसार अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनस्र्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत अधिग्रहित की जाएगी।

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