
नई दिल्ली। आज सावन माह का अंतिम सोमवार (Sawan Last Monday) है। इस साल अंतिम सोमवार को चार विशेष संयोग एक साथ बनने जा रहे हैं। आज ब्रह्म योग, रवि योग, इंद्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga) भी बन रहा है। सनातन धर्म में सावन सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन को शिवकृपा प्राप्ति का द्वार माना जाता है। इस दिन हर शिवालयों की रौनक बढ़ ( Shiva temples Beauty increased) जाती है। जो हर दिन शिव पूजन नहीं कर पाते हैं, वे सावन के अंतिम सोमवार को व्रत रख शिवपूजा कर सकते हैं। भगवान शिव (Lord Shiva) के व्रत को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। इसके अलावा चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के अंतिम सोमवार पर शिव का जलाभिषेक करने से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल की भी प्राप्ति होती है।
आज सावन के आखिरी व अंतिम सोमवार पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। दृक पंचांग के अनुसार, भद्रा 05 अगस्त को रात्रि 12:31 ए एम से शुरू होगी और सुबह 05:45 ए एम तक रहेगी।
सुबह से ही लग जाएगा राहुकाल
पंचांग अनुसार, 4 अगस्त सावन के अंतिम सोमवार पर राहुकाल 07:25 ए एम से 09:06 ए एम तक रहेगा।
आज के लिए पूजन के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:20 ए एम से 05:02 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:54 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:41 पी एम से 03:35 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:10 पी एम से 07:31 पी एम
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:44 ए एम से 09:12 ए एम
रवि योग- पूरे दिन
शिव पूजन-विधि: पूरब दिशा की ओर मुंह करके भगवान शिव का अभिषेक शुरू करें। सबसे पहले भगवान पर गंगाजल अर्पित करें। इसके बाद गन्ने का रस, दही, शहद और दूध समेत पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें। अभिषेक करते दौरान महामृत्युंजय मंत्र, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं या ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करें। इसके बाद भगवान शिव पर सफेद चंदन अर्पित करें। बेलपत्र चढ़ा दें। सफेद चावल भोले को अतिप्रिय है। आप काला तिल, सफेद रंग का फूल चढ़ाने के साथ खीर का भोग भी लगा सकते हैं। श्रद्धा के साथ आरती कर क्षमा याचना करें।
उपाय- चावल (अक्षत) को धोकर और 108 दाने गिनकर शिवलिंग पर अर्पित करें। बेलपत्र पर अपनी अनामिका उंगली से चंदन लगाकर अपनी मनोकामना मांगें और शिवलिंग पर चढ़ा दें।
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