
नासिक। भाजपा (BJP) ने मंगलवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) (Shiv Sena -Uddhav Balasaheb Thackeray) के नासिक इकाई के पूर्व प्रमुख सुधाकर बडगुजर (Sudhakar Badgujar.) को पार्टी में शामिल कर लिया। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले साल बीजेपी ने खुद बडगुजर पर 1993 के बम धमाकों के दोषी और दाऊद गैंग के सदस्य सलीम कुत्ता (Dawood gang member Salim Kutta) के साथ पार्टी करने के आरोप लगाए थे। उस वक्त महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इन कथित गैंगस्टर लिंक की जांच के लिए एसआईटी बनाने की घोषणा की थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी विधायक नितेश राणे ने विधानसभा में बडगुजर के खिलाफ ये मुद्दा उठाया था और उनकी सलीम कुत्ता के साथ पार्टी करते हुए कथित तस्वीरें भी पेश की थीं। शिवसेना के नेता दादा भुसे ने भी इस मामले पर सवाल उठाए थे। कुछ हफ्ते पहले शिवसेना (UBT) ने सुधाकर बडगुजर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, क्योंकि अटकलें लग रही थीं कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। दो हफ्ते पहले बडगुजर ने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी।
हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पहले दावा किया था कि उन्हें बडगुजर की पार्टी में एंट्री की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन मंगलवार दोपहर 3.30 बजे जब बडगुजर अपने समर्थकों के साथ मुंबई स्थित बीजेपी कार्यालय पहुंचे, तो उनका जोरदार स्वागत खुद बावनकुले, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण और कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन ने किया। इस दौरान शिवसेना-बीजेपी सरकार में मंत्री रहे बाबनराव घोलप भी बडगुजर के साथ बीजेपी में शामिल हुए।
बीजेपी के नासिक इकाई में इस फैसले को लेकर असंतोष दिखाई दिया। नासिक के बीजेपी जिला अध्यक्ष सुनील केदार खुद बडगुजर की एंट्री के खिलाफ थे। उन्होंने हालांकि कार्यक्रम में भाग लिया, लेकिन नासिक पश्चिम की बीजेपी विधायक सीमा हिराय, जिनके खिलाफ बडगुजर ने चुनाव लड़ा था, वह इस कार्यक्रम से दूर रहीं।
प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले ने इस मौके पर कहा, “हर एक एंट्री पार्टी के विकास के लिए होती है।” वहीं रविंद्र चव्हाण ने कहा कि, “हमारे द्वारा जताया गया विश्वास बीजेपी में व्यर्थ नहीं जाएगा।” इस बीच नासिक के चार पूर्व उद्धव ठाकरे गुट के नगरसेवक भी मंगलवार को एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए।
1993 के मुंबई बम विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 1,400 लोग घायल हुए थे। यह हमला दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी द्वारा सुनियोजित था, जिसमें सलीम कुत्ता जैसे सहयोगियों की अहम भूमिका थी।
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