
जबलपुर। लॉ की पढ़ाई के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की अनुमति की अनिवार्यता का शहर के साथ प्रदेश के कई कॉलेज-विश्वविद्यालय पालन नहीं कर रहे हैं। कई कॉलेज और विश्वविद्यालय बीसीआई से बिना अनुमति के विधि पाठ्यक्रम चला रहे हैं। इससे छात्रों को प्रमाण पत्र और कोर्ट में प्रैक्टिस करने में समस्या हो सकती है। बीसीआई के नियमों की अनदेखी के कारण छात्रों का भविष्य खतरे में है।
अनुमति लेना जरूरी
लॉ कोर्स के संचालन के लिए कॉलेजों को केंद्र सरकार की संस्था बीसीआई से अनुमति लेना जरूरी है। इसके बिना इन पाठ्यक्रमों का संचालन न केवल अनाधिकृत माना जाता है। इन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के बाद कॉलेज और विश्वविद्यालय जो डिग्री देते हैं बार काउंसिल उनका पंजीयन भी नहीं करती। यानी ऐसे विधि विद्यार्थी इन डिग्री के आधार पर न तो सनद हासिल कर सकते हैं और न ही उन्हें कोर्ट में प्रेक्टिस करने का अधिकार ही होता है। प्रवेश लेने वाले विधि छात्रों की डिग्री का पंजीयन भी बार काउंसिल नहीं करती। बताते हैं न केवल प्राइवेट यूनिवर्सिटी और कॉलेज बल्कि सरकारी विश्वविद्यालय भी बीसीआई के निर्देशों को तवज्जो नहीं दे रहे। राजधानी भोपाल में स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा जैसी प्रतिष्ठित सरकारी यूनिवर्सिटी के विधि विभाग ने भी इस शैक्षणिक सत्र के लिए बीसीआई से अनुमति का नवीनीकरण कराना जरूरी नहीं समझा है। प्रदेश के 121 सरकारी और निजी कॉलेज भी बीसीआई से अनुमति का नवीनीकरण न कराने वाली सूची में शामिल हैं। प्रदेश में 56 सरकारी और निजी विश्वविद्यालय हैं। इनसे 1360 से ज्यादा सरकारी और निजी कॉलेज और स्वशासी कॉलेज हैं। जिनमें से ढाई सौ ऐसे कॉलेज हैं जिनमें विधि पाठ्यक्रम संचालित हैं। इनमें से 127 कॉलेज विधि पाठ्यक्रमों के संचालन में लापरवाही बरत रहे हैं।
ये है बीसीआई की गाईडलाइन
लॉ कॉलेज चलाने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति लेना अनिवार्य है। बीसीआई कानूनी शिक्षा को विनियमित करने वाली शीर्ष संस्था है और किसी भी लॉ कॉलेज को मान्यता प्राप्त करने के लिए बीसीआई से मंजूरी जरूरी है। बीसीआई कानूनी शिक्षा और वकालत के पेशे को नियंत्रित करने वाली सांविधिक निकाय है। बीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज से एलएलबी डिग्री प्राप्त करना वकील के रूप में नामांकन के लिए अनिवार्य है।
राज्य सरकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र
नए लॉ कॉलेज को संबंधित विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त करने के बाद, राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन करना होता है। बीसीआई समय-समय पर लॉ कॉलेजों का निरीक्षण करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं। । प्रदेश में 56 सरकारी और निजी विश्वविद्यालय हैं। इनसे 1360 से ज्यादा सरकारी और निजी कॉलेज हैं। जिनमें से ढाई सौ ऐसे कॉलेज हैं जिनमें विधि पाठ्यक्रम संचालित हैं। इनमें से 127 कॉलेज विधि पाठ्यक्रमों के संचालन में लापरवाही बरत रहे हैं।
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