
नई दिल्ली । महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government)ने शुक्रवार को एक सात सदस्यीय समिति (Seven member committee)का गठन किया है, जो ‘लव जिहाद’ (‘Love Jihad’)के खिलाफ कानून बनाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार(Prepare the guidelines) करेगी। इस समिति की अध्यक्षता महाराष्ट्र के डीजीपी करेंगे। सरकारी संकल्प के अनुसार, इस समिति में महिला और बाल विकास, अल्पसंख्यक विकास, कानून और न्याय, सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग से एक-एक सदस्य होंगे, साथ ही गृह विभाग के दो प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे। संकल्प में ‘लव जिहाद’ शब्द का उल्लेख किया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले कहा था कि महाराष्ट्र धर्मांतरण, खासकर अंतरधार्मिक विवाहों में होनेवाले रूपांतरण (‘लव जिहाद’) के खिलाफ एक कानून लाने की योजना बना रहा है। ऐसे कानून उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी बनाया गया है।
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने इस कदम का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास ऐसे मामलों का सांख्यिकीय प्रमाण नहीं है और इस मुद्दे को ‘जिहाद’ के रूप में प्रस्तुत कर राजनीतिकरण किया जा रहा है।
सरकारी संकल्प में समिति के कार्यों का उल्लेख किया गया है। वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, ‘लव जिहाद’ और जबरन धार्मिक रूपांतरण की शिकायतों का समाधान करना, अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करना, कानूनी ढांचे की स्थापना करना और कानूनी प्रभावों की समीक्षा करना इसके प्रमुख काम होंगे। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि जनता, प्रतिनिधियों और संगठनों ने ‘लव जिहाद’ और जबरन धार्मिक रूपांतरण को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की है।
समिति मौजूदा परिस्थितियों का विश्लेषण करेगी और ‘लव जिहाद’ और जबरन रूपांतरण से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए उपायों की सिफारिश करेगी। साथ ही अन्य राज्यों में बनाए गए कानूनों का अध्ययन करके महाराष्ट्र के लिए उपयुक्त कानून तैयार करेगी।
रईस शेख ने कहा, “पहले सरकार ने यह प्रस्ताव रखा था कि राज्य में ‘लव जिहाद’ के एक लाख से ज्यादा मामले हैं, लेकिन वे एक भी ऐसा मामला नहीं ढूंढ पाए जिसमें पुलिस केस दर्ज किया जा सके। इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है और मैंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था। सरकार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।”
जब फडणवीस 2023 में महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कहा था, “कई मामले सामने आए हैं जिसमें लड़कियां शादी करके धर्म परिवर्तन करती हैं। इस पर कानून बनाने की मांग चारों ओर से आ रही है। पहले भी मैंने सदन में इसकी घोषणा की थी। इसके अनुसार, विभिन्न राज्यों के कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है और फिर महाराष्ट्र में इस पर निर्णय लिया जाएगा।”

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