
अजमेर: अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह में शिव मंदिर के दावे वाली याचिका पर आज सुनवाई की गई. दरगाह कमिटी की तरफ से कहा गया था कि इस याचिका को ख़ारिज कर दिया जाए. लेकिन आज सुनवाई में इसे लेकर नई तारीख दी गई है. साथ ही मामले से जुड़े एक वकील को जान से मारने की धमकी दी गई. बता दें कि कोर्ट में याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने पहले ही जान को खतरा होने की बात कही थी.
शुक्रवार को कोर्ट में मामले की सुनवाई को लेकर भीड़ नजर आई. याचिकाकर्ता ने मजिस्ट्रेट के सामने रिक्वेस्ट की थी कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में भीड़ जमा ना की जाए. उनकी जान को खतरा हो सकता है. वहीं दरगाह कमिटी ने इस याचिका को खारिज करने की मांग की थी. उनका कहना था कि याचिका में जो भी तथ्य पेश किये गए हैं, वो झूठे हैं. ऐसे में इसे ख़ारिज कर देना चाहिए.
23 सितंबर को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सिविल कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. इसमें अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया गया था. 27 सितंबर को कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने का फैसला करते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा. इसके लिए बीस दिसंबर की डेट फाइनल की गई. अब 24 जनवरी को सुनवाई करते हुए अगली तारीख दी गई है.
याचिका दायर करने वाले विष्णु गुप्ता को सुनवाई के दौरान भी जान से मारने की धमकी मिली. उन्होंने पहले भी दावा किया था कि उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं. कोई उन्हें बम से उड़ाने की धमकी दे रहा है तो कोई गोली से. इस कारण ही उन्होंने सुनवाई के दौरान भी कम लोगों को अंदर आने की परमिशन देने की रिक्वेस्ट की थी. बताया जा रहा है कि कोर्ट के बाहर खुद को मीडियाकर्मी बताने वाले शख्स ने मामले से जुड़े एक वकील को सुनवाई के दौरान गोली मारने की धमकी दी थी.
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