
पटना । विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ (Against the Speaker) अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद (After the Motion of no Confidence) अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) चाहते हैं कि विधान परिषद के अध्यक्ष (Legislative Council Speaker) अवधेश नारायण सिंह (Awadhesh Narayan Singh) खुद ही इस्तीफा दे दें (Should Resign Himself ) ।
इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि भाजपा नेता और विधान परिषद अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के नेता उन्हें पद छोड़ने के लिए मना रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन का मानना है कि विधान परिषद के अध्यक्ष के रूप में सिंह का बना रहना एक गलत संकेत देगा, क्योंकि अब बिहार में एक गैर-भाजपा सरकार सत्ता में है।
बिहार में महागठबंधन के 55 विधायक विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के बीच संबंधों में काफी समय पहले खटास आ गई थी। नीतीश कुमार ने बार-बार भाजपा से उन्हें हटाने के लिए कहा था, जब जदयू और भाजपा की सरकार थी।
अविश्वास प्रस्ताव के नियमों के मुताबिक, इसे लाए जाने के दो सप्ताह बाद सदन में पेश किया जा सकता है। नीतीश कुमार के सीएम पद की शपथ लेने के बाद बिहार विधानसभा का पहला सत्र 24 अगस्त से शुरू हो रहा है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव से जुड़ा यह नियम इसमें कोई बाधा नहीं बनेगा। महागठबंधन को 164 विधायकों का समर्थन है। 243 सदस्यों वाले सदन में बहुमत का आंकड़ा 122 है। ऐसे में विजय कुमार सिन्हा को अविश्वास प्रस्ताव के तहत हटाया जाना आसान है।
इसी बीच बिहार विधानसभा अध्यक्ष अभी यह चर्चा करने के लिए दिल्ली में हैं कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष को नीतीश कुमार लंबे समय से हटाना चाहते थे। कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में उन पर गुस्सा भी होते देखे गए। नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि वे उनकी ही सरकार पर सवाल उठाकर खुले तौर पर संविधान का उल्लंघन किया है, जब भाजपा के साथ गठबंधन में ही नीतीश कुमार की सरकार थी।
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