
नई दिल्ली । आज केंद्र सरकार (Central government) ने जातिगत जनगणना (caste census) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके बाद कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social media platforms) पर यह गलत जानकारी फैलाई जा रही हैं कि अधिसूचना में जाति आधारित गणना का कोई उल्लेख नहीं है। सरकार ने झूठ फैलाने वालों को करारा जवाब देते हुए साफ किया कि 2025 की जनगणना में जातिगत गणना भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 30 अप्रैल, 4 जून और 15 जून की प्रेस विज्ञप्तियों में यह पहले ही साफ किया जा चुका है कि इस बार की जनगणना में जातिगत जानकारी भी जुटाई जाएगी।
सरकारी हैंडल @PIBHomeAffairs ने भी X पर पोस्ट कर कहा है, “जाति गणना को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है। अधिसूचना के साथ-साथ कई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्तियों में यह बात स्पष्ट रूप से दर्ज है कि जनगणना में जाति संबंधी जानकारी भी एकत्र की जाएगी।”
क्या फैलाए जा रहे भ्रम और सरकार का जवाब
कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है, उसमें जाति आधारित जनगणना का कोई उल्लेख नहीं है। यह दावा पूरी तरह गलत है। केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल, 4 जून और 15 जून 2025 को प्रेस विज्ञप्तियों में साफ़ कहा है कि जनगणना 2027 में जाति का विवरण भी जुटाया जाएगा।
कुछ समूह यह प्रचार कर रहे हैं कि केंद्र सरकार जातिगत आंकड़ों को जनगणना में शामिल करने को तैयार नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जातिगत गणना जनगणना 2027 का हिस्सा होगी। यह बात बार-बार प्रेस नोट्स और X पर साझा की गई है। कुछ यह भी दावे कर रहे हैं कि जनगणना की कोई निश्चित तिथि घोषित नहीं की गई है। सरकार ने साफ़ तौर पर बताया है कि जनगणना 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि को आधार मानकर की जाएगी और बर्फबारी वाले क्षेत्रों में 1 अक्टूबर 2026 की तिथि निर्धारित की गई है।
अधिसूचना में क्या है
जनगणना 2025 को लेकर जो अधिसूचना जारी की गई है, उसमें जनसंख्या, निवास, भाषा, लिंग, आयु, शिक्षा, रोजगार आदि के साथ-साथ जाति से संबंधित विवरण भी मांगे जाएंगे। यह पहला मौका होगा जब सरकारी स्तर पर इतने व्यापक पैमाने पर जातिगत डेटा इकट्ठा किया जाएगा।
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