
नई दिल्ली । दिल्ली सरकार (Delhi Government) और नगर निगम (Municipal council) ने सावन के दौरान कांवड़ रूट (Kanwar Route) पर पड़ने वालीं मीट और मछली की दुकानों (Meat and fish shops) को बंद करने का फैसला किया है। 11 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। कांवड़ यात्रा 11 से 31 जुलाई तक चलेगी। मीट और मछली की दुकानों पर इस दौरान ताला लटका रहेगा। दिल्ली से पहले यूपी और उत्तराखंड में भी कांवड़ रूट पर मीट-मछली की दुकानों को बंद रखने का फैसला लिया जा चुका है।
इससे पहले बुधवार को दिल्ली के संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने अप्सरा बॉर्डर से लेकर करोलबाग तक विभिन्न कांवड़ मार्ग पर लगने वाले शिविरों की तैयारियों का जाएजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि धार्मिक भावना का ख्याल रखते हुए कांवड़ मार्ग पर मीट की दुकानों को बंद करने का फैसला किया है, ताकि धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो सके।
कांवड़ यात्रा के दौरान अधिकारियों को सफाई, टैफिक पुलिस अधिकारियों को यातायात संबंधित दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसी रूट पर सबसे अधिक कांवडिए गुजरते हैं। इसके अलावा दिलशाद गार्डन होते हुए सीलमपुर, कश्मीरी गेट और करोलबाग होकर कांवडिये गुजरते हैं।
कपिल मिश्रा ने कहा कि सरकार कांवड़ समितियों को तैयारी के लिए पहली बार उनके खाते में आर्थिक मदद डाल रही है। उन्हें 50% पैसा पहले मिल जाएगा बाकी कांवड़ खत्म होने के बाद। यह पैसा 50 हजार से लेकर दस लाख रुपये तक होगा। पहली बार कांवड़ समितियों को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली भी दी जाएगी।
करीब ढाई करोड़ कांवड़िये दिल्ली से गुजरते हैं
आसपास के कई राज्यों के करीब 2.5 करोड़ कांवड़ यात्री दिल्ली से होकर गुजरते हैं। सरकार इन कांवड़ियों के स्वागत की भव्य तैयारी कर रही है। इस बार स्वागत के लिए ऐतिहासिक गेट लगाए जाएंगे। कांवड़ियों के लिए हर शिविर में मेडिकल, पानी और बिजली की सभी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी।
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