
रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में करोड़ों रुपए के शराब घोटाले (Liquor Scam) को लेकर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. जैसे ही मामले में कोर्ट (Court) में चालान पेश हुआ, राज्य सरकार ने 22 आबकारी अधिकारियों को सस्पेंड (Suspended) कर दिया. इस फैसले से पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है.
सरकार की ओर से जिन 22 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें कई सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं. मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपल सिंह, प्रमोद नेताम, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी और रामकृष्ण मिश्रा जैसे नाम इस लिस्ट में शामिल हैं. इनके ऊपर आरोप है कि इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए घोटाले को अंजाम दिया या उसमें भूमिका निभाई.
शराब घोटाले की जांच काफी समय से चल रही थी. अब तक सामने आए सबूतों और गवाहों के आधार पर ये कहा जा रहा है कि इस घोटाले में करोड़ों रुपए का हेरफेर हुआ है. सरकार को जैसे ही ठोस दस्तावेज मिले, कार्रवाई में देरी नहीं की गई. कोर्ट में चालान पेश होते ही तुरंत निलंबन के आदेश जारी कर दिए गए.
इस घोटाले की खबरें सामने आने के बाद आम लोगों में नाराजगी है. लोगों का कहना है कि जिन अधिकारियों को जनता की सेवा करनी थी, उन्होंने खुद ही सिस्टम को नुकसान पहुंचाया. अब जनता उम्मीद कर रही है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी. सरकार की ओर से भी साफ कर दिया गया है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. चाहे अधिकारी कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर दोषी पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार के इस एक्शन के बाद अब अगला कदम सीबीआई या ईडी जैसी एजेंसियों की जांच हो सकती है. मामले में कई और अधिकारियों और नेताओं की भूमिका की भी जांच चल रही है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.
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