
नई दिल्ली: घर का सपना देखने वालों और होम लोन की भारी-भरकम ईएमआई चुका रहे आम लोगों के लिए अच्छी खबरों का सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है. दिसंबर 2025 की मौद्रिक नीति में मिली राहत के बाद, अब फरवरी 2026 में भी आपकी जेब पर पड़ा बोझ और हल्का होने की पूरी उम्मीद है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आने वाले दिनों में एक बार फिर आम आदमी को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. जहां एक तरफ लोन लेने वालों के चेहरे खिल रहे हैं, वहीं एफडी (FD) निवेशकों के लिए यह थोड़ा चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि ब्याज दरें घटने का असर उनकी जमा पूंजी पर मिलने वाले रिटर्न पर भी पड़ेगा.
अब सवाल यह उठता है कि आखिर आरबीआई ब्याज दरों में लगातार कटौती क्यों कर रहा है? इसका जवाब महंगाई के आंकड़ों में छिपा है. यूनियन बैंक की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि महंगाई अब काफी हद तक नियंत्रण में है और कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव कमजोर पड़ा है. आरबीआई ने भी कई मौकों पर माना है कि महंगाई की स्थिति अब उतनी डरावनी नहीं है. रिपोर्ट में एक बेहद दिलचस्प विश्लेषण यह भी है कि अगर सोने की कीमतों में आए उछाल के कारण बढ़ी महंगाई (करीब 0.50 प्रतिशत) को हटा दिया जाए, तो असल महंगाई दर और भी कम नजर आती है. हालांकि, फरवरी 2026 में फैसला लेना आरबीआई के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उस समय सीपीआई (CPI) और जीडीपी (GDP) के आधार वर्ष (Base Year) में बदलाव होने वाला है. इन नए पैमानों पर महंगाई और विकास दर के आंकड़े कैसे आते हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा.
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