
नई दिल्ली: भारत (India) की दिग्गज इंजीनियरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर (Engineering and Infrastructure) कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) अब रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को तेज़ी से बढ़ाने जा रही है. कंपनी का लक्ष्य इस सेक्टर को अरबों डॉलर (Billion Dollar) के कारोबार में तब्दील करना है. L&T के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एस.एन. सुब्रमण्यम (S.N. Subramaniam) ने जानकारी दी है कि कंपनी आने वाले वर्षों में रक्षा क्षेत्र (Defense Sector) को अपनी ग्रोथ का मुख्य इंजन बनाने जा रही है.
L&T की योजना रक्षा और एयरोस्पेस व्यवसाय को तेज़ी से बढ़ाने की है. कंपनी की रणनीति है कि इन क्षेत्रों में 2026 तक अरब डॉलर का राजस्व हासिल किया जाए. फिलहाल इस सेगमेंट से L&T को 4,500 करोड़ रुपये का सालाना राजस्व मिलता है, लेकिन अगले कुछ वर्षों में इसे दोगुना करने का टारगेट है.
कंपनी मिसाइल सिस्टम, आर्टिलरी गन, सोनार सिस्टम, रडार, और डिफेंस शिपबिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में काम कर रही है. इसके अलावा, वह इसरो और अन्य अंतरिक्ष संस्थाओं के साथ साझेदारी कर स्पेस सेक्टर में भी पैर जमा रही है.
L&T की यह रणनीति भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीतियों के अनुरूप है. कंपनी घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ निर्यात बाजारों में भी प्रवेश करने की योजना बना रही है. L&T पहले से ही भारतीय नौसेना और सेना के लिए कई रक्षा प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुकी है.
कंपनी ने यह भी संकेत दिए हैं कि वह विदेशी रक्षा कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर और तकनीकी साझेदारी की संभावनाओं को भी टटोल रही है. इसका उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीक को भारत लाना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है.
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