
भोपाल। राज्य स्तरीय वन्यप्राणी सप्ताह (State Level Wildlife Week) का शुभारंभ बुधवार को भोपाल स्थित वन विहार नेशनल पार्क (Van Vihar National Park) से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने किया। इस अवसर पर उन्होंने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के लिए नए पर्यटक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और वन विहार में गोल्फ ई-कार्ट और इलेक्ट्रिक सफारी व्हीकल्स की भी शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जबलपुर और उज्जैन में दो नए अत्याधुनिक चिड़ियाघर (जू) विकसित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश में चीता मित्र, हाथी मित्र, गिद्ध संरक्षण जैसे कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है। वन विहार में अब पेट्रोल और डीजल वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। पूरे पार्क में केवल ई-वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी। इससे वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि वन विभाग केवल जंगलों में नहीं, बल्कि जल, थल और नभ तीनों में इको सिस्टम विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने गिद्धों की घटती संख्या को देखते हुए वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे संरक्षण प्रयासों की विशेष सराहना की।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि बहुत जल्द प्रदेश की प्रमुख नदियों नर्मदा और तवा में मगरमच्छों को छोड़ा जाएगा, ताकि जलजीव जैव विविधता को और समृद्ध किया जा सके। इस अवसर पर वन्यजीव संरक्षण से जुड़े लोगों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। साथ ही वन्यजीव संबंधित पुस्तक और पोस्टर का भी विमोचन किया गया, जो जनजागरूकता को बढ़ाने में सहायक होंगे। सरकार की ओर से वन विभाग को 18.5 करोड़ का लाभांश भी वितरित किया गया, जो विभिन्न विकास और संरक्षण परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाएगा।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 11 नेशनल पार्क, 9 टाइगर रिजर्व, 36 वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी, एक कंजर्वेशन रिजर्व है। प्रदेश की 30 प्रतिशत से अधिक भूमि वनों से भरी हुई है। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए हमने चीता मित्र, हाथी मित्र, ताप्ती संरक्षण रिजर्व जैसे अनेक उल्लेखनीय काम किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल मध्यप्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या 13.81 लाख रही। दुनियाभर से पर्यटक वन्यजीवों को देखने के लिए मध्यप्रदेश आ रहे हैं। राज्य सरकार वन्य संपदा की रक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उज्जैन और जबलपुर में दो नए चिड़ियाघर आकार ले रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी नेशनल पार्कों के आसपास जू एंड रेस्क्यू सेंटर विकसित किए जाएं। ताकि, घायल जंगली जानवरों को समय पर उचित इलाज मिल सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसान कल्याण के लिए हर स्तर पर काम कर रही है। राज्य के सोयाबीन उत्पादक किसानों को उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए भावांतर योजना फिर से लागू की गई है। इसके माध्यम से हमारा प्रयास है कि किसानों को सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ मिले। केंद्र सरकार ने इस वर्ष सोयाबीन की एमएसपी 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय की है। यह पिछले साल 4800 रुपए से 528 रुपए ज्यादा है। प्रदेश के सभी सोयाबीन उत्पादक किसान 3 अक्टूबर से भावांतर योजना में उपज बेचने के लिए पंजीयन कराएं और 24 अक्टूबर से मंडियों में सोयाबीन बेचें। राज्य सरकार भावांतर की राशि बहुत जल्द सीधे किसानों के बैंक खातों में अंतरित करेगी।
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