भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के शीतकालीन सत्र (winter session) के तीसरे दिन बुधवार को कांग्रेस द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह (Opposition Dr. Govind Singh) ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज पूरी तरह से सत्ता के घमंड में मुख्यमंत्री ने जनता से जुड़े मुद्दों को तिलांजलि दे दी। दिग्विजय सिंह ने जो अधिकार पंचायती राज में दिए थे, वे छीनकर अधिकारियों के हवाले कर दिए। जनपद पंचायत, जिला पंचायत अधिकारहीन हो गई। विधानसभा की कार्यवाही लगातार कम होती जा रही है। सबसे कम समय विधानसभा चलाने का गोल्ड मेडल इस विधानसभा को मिलना चाहिए।
गृहमंत्री के इस बयान पर विपक्षी विधायकों ने हंगामा कर दिया। तरुण भनोट और पीसी शर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति सदन में नहीं हैं, ये बयान आपत्तिजनक है। विधानसभा अध्यक्ष ने रेट फिक्स करने वाली बात को विलोपित करने का निर्देश दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव मंत्रि परिषद के ऊपर है, लेकिन गृहमंत्री सिर्फ अपने विभाग का जवाब दे रहे हैं। वे स्वीकार कर रहे हैं कि उनके विभाग में गड़बड़ियां हैं।
इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों के घोटाले जगजाहिर हैं। एक कमरे में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। ऐसे करीब 550 कॉलेज प्रदेश में हैं। आपने छात्रों को मानव बम बना दिया। हरियाणा, पंजाब के लोग यहां से फर्जी डिग्री लेकर चले गए। कई ऐसे फैकल्टी हैं, जो चार-पांच जगह काम कर रहे हैं। उमाकांत शर्मा बीच में बोलने के लिए खड़े हुए, तो नेता प्रतिपक्ष ने कहा- बैठ जाइए पंडित जी। मैं ढोंग में विश्वास नहीं करता। सजा देना न्यायालय का काम है, लेकिन सत्ता के मद में घमंडी हो गए हो। आपने हजारों घर बर्बाद कर दिए। न्यायपालिका को दंड देने का अधिकार है, कार्यपालिका को नहीं। आजकल हमारे मुख्यमंत्री जज बन गए हैं। आपका समय है। इस प्रकार से रावण का भी अंत हुआ था।
उन्होंने कहा कि महाकाल के उद्घाटन में 12 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। चीते लाने में करोड़ों, 5-6 हजार में चीते छूट जाते। कोरोना काल में चिरायु अस्पताल को 70 करोड रुपये सरकार ने दिए। आप कह सकते हो कि चिरायु को जमीन कांग्रेस की सरकार ने दी थी, लेकिन कैचमेंट एरिया की जमीन आपने दे दी। कुछ हमारे मित्र भी उसको संरक्षण दे रहे हैं। आप इतनी मेहरबानी क्यों कर रहे हैं? सरकारी अस्पतालों को पैसा देते, आपने चिरायु को इतना पैसा क्यों दिया? कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौतें चिरायु अस्पताल में ही हुई हैं।
उन्होंने कहा कि भोपाल समेत प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में करीब 3300 मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ को मिलाकर 50 हजार कर्मचारी हैं। न्यू पेंशन स्कीम में उनका पैसा कटता है। 800 करोड़ रुपये के लिए कर्मचारी परेशान हैं। हमसे भी कई बार मिले। ये पैसा उनके खातों में जमा होना था, लेकिन डीन के खाते में जमा करा दिया। डीन को क्या अधिकार है? पैसा खाते में है भी या गायब हो गया? इसका पता चलना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले महीने मैं आगरमालवा के दौरे पर गया था। इसकी प्रशासन को सूचना दी थी। वैसे मुझे सैर सपाटा करने का शौक नहीं है, मैं किसान का बेटा हूं। मैंने प्रतिपक्ष की हैसियत से लिखा था। जब हम वहां पहुंचे, तो सर्किट हाउस में ताला लगा था। मुझे ऐसा कमरा दिया, जिसके दरवाजे पर कुंडी नहीं थी, नारियल की रस्सी से बंधा था।
बुधवार को बहस के दौरान पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सरकार पर जनता के पैसों की बर्बादी के आरोप लगाये वो भी पार्टी के काम में। बहस के दौरान जीतू पटवारी ने कहा अध्यक्ष जी, मेरे मुख्यमंत्री ने गरीब के पैसे से, मेरे मुख्ययमंत्री ने कर्ज के पैसे से भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में वहां की मीटिंग्स में इतना दुख और दर्द , इतना भाव है, वहां पर 40 करोड़ रूपये का खाना खिला दिया। कार्यालय में अंदर और जो बात कह रहा हूं, रिकॉर्ड से कह रहा हूं. यह मध्यप्रदेश के साथियों, विधायकों, आप जन प्रतिनिधियों, सत्ता के भी और विपक्ष के भी, यह देश का पहला मुख्ययमंत्री है, जिसने सरकार के पैसे से बीजेपी कार्यालय में खाना खिलाया।
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