
भोपाल । बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) देश में सबसे ऊपर है। NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में मध्य प्रदेश के अंदर बच्चों (Children) से जुड़े अपराध में 22393 मामले दर्ज किए गए। यहां क्राइम रेट 77.9 फीसदी है। अपराध की ये संख्या साल 2022 में 20415 और साल 2021 में 19173 थी। इस तरह बच्चों की सुरक्षा के नजरिए से मध्य प्रदेश की हालत साल दर साल बदतर होती जा रही है। जानिए हत्या, रेप के बाद हत्या, शिशु और भ्रूण हत्या के मामले में मध्य प्रदेश का क्या हाल है?
मां के गर्भ से लेकर शिशु हत्या तक
मध्य प्रदेश में मां के गर्भ से बच्चे के जन्म तक, रेप के बाद मर्डर से लेकर अन्य मामलों में हत्या के मामले भरे पड़े हैं। राज्य में आज भी मां के गर्भ में बच्चे को खत्म कर दिया जाता है। साल 2023 में भ्रूण हत्या के कुल 87 मामलों में 20 एमपी में दर्ज किए गए। जैसे-तैसे अगर बच्चा जन्म ले लेता है, तो उसकी भी हत्या कर दी जाती है। साल 2023 में शिशु हत्या के कुल 63 मामलों में 12 एमपी में दर्ज किए गए थे।
हत्या और रेप के बाद मर्डर की हालत
मां के गर्भ से सुरक्षित बच निकलने के बाद बच्चा जैसे-तैसे अपना जीवन शुरू करता है। मगर कुछ दरिंदे बच्चों के साथ रेप के बाद हत्या और अन्य तरह से हत्या की घटनाओं को अंजाम देकर देश के भविष्य को नष्ट कर देते हैं। साल 2023 में बच्चों की हत्या से जुड़े 1177 मामले सामने आए थे। इनमें से 100 एमपी में दर्ज हुए। रेप के बाद मर्डर के 86 मामलों में 11 एमपी में दर्ज हुए। बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले 368 मामले में 104 मामले एमपी में दर्ज हुए।
जानिए दूसरे और तीसरे नंबर पर कौन?
अन्य राज्यों से तुलना करें तो दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का स्थान आता है। महाराष्ट्र भी बच्चों से जुड़े अपराध के मामले में बेहतर हालत में नहीं है। यहां साल 2023 में 22390 मामले दर्ज हुए, साल 2022 में 20762 और साल 2021 में 17261 मामले दर्ज हुए। तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का स्थान आता है। यहां साल 2023 में 18852, साल 2022 में 18682 और साल 2021 में 16838 मामले दर्ज किए गए। तीनों ही राज्यों में साल दर साल बच्चों से जुड़े अपराध में बढ़ोतरी हुई है।
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