
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं (Mahakumbh is not just Religious Event), बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है (But symbol of India’s Spiritual Heritage and National Unity) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन धर्म की जो मान्यता है यह दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति है। इसकी तुलना किसी मत मजहब और संप्रदाय से नहीं हो सकती। हजारों वर्षों की विरासत हमारे पास है। इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन भी उतनी ही प्राचीन है। आकाश से भी ऊंची है सनातन की परंपरा, इसकी तुलना नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां बयान एक निजी कार्यक्रम ‘महाकुंभ महासम्मेलन’ के दौरान दिया। महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सीएम योगी ने कहा कि देवासुर संग्राम के बाद अमृत की बूंदें चार पवित्र स्थलों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन स्थानों पर महाकुंभ के आयोजन भारत के ज्ञान, चिंतन और सामाजिक दिशा तय करने का अवसर रहे हैं। महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। महाकुंभ के आयोजन के दौरान भारत के ऋषि-मुनि एकत्र होकर उस समय की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर चिंतन करते थे। यह आयोजन न केवल परंपरा का सम्मान है, बल्कि इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना भी आवश्यक है।
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि महाकुंभ का आयोजन भारत में विरासत और विकास के अद्भुत संगम का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि 2019 के प्रयागराज कुंभ में यह देखा गया कि कैसे आधुनिक तकनीक, प्रबंधन और संस्कृति का सामंजस्य किया गया। यही प्रयास आने वाले महाकुंभ में भी होगा। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर महाकुंभ को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस आयोजन से न केवल देश के नागरिक, बल्कि दुनियाभर के लोग भी आकर्षित हो रहे हैं। यह भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर है।
सीएम योगी ने आगे कहा कि महाकुंभ राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण है। यह आयोजन जाति, पंथ और लिंग भेदभाव को समाप्त करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पिछले 10 वर्षों में जो प्रगति की है, महाकुंभ इसका सशक्त माध्यम बनेगा। यह भारत की समृद्ध, विरासत और आध्यात्मिक परंपरा का जीवंत प्रमाण है। विदेशी जूठन खाने वाले लोग हमें बदनाम करने में लगे हैं। देश में जातिवाद का जहर घोलकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता अब जागरूक हो चुकी है।
राष्ट्रीय एकता और हिंदू एकता पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म हमेशा शिखर पर रहा है। हिंदू एकता और राष्ट्रीय एकता एक-दूसरे के पूरक हैं। इतिहास गवाह है कि जब हम बंटे हैं, तो कमजोर हुए हैं, और जब एकजुट हुए हैं, तो अजेय बने हैं। इसीलिए मैंने पहले कहा था कि ‘बंटोगे तो कटोगे’ और ‘एक रहोगे तो नेक रहोगे’। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जाति और मजहब के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास करते हैं। ये वही शक्तियां हैं जो भारत को कमजोर करने का षड्यंत्र रचती हैं, लेकिन जनता अब जागरूक हो चुकी है। आज यूपी का नागरिक पलायन नहीं कर रहा, माफिया और अपराधी कर रहे हैं।
संभल में धार्मिक स्थलों पर विवाद का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल में श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार कल्कि का उल्लेख पुराणों में मिलता है। वहां धार्मिक स्थलों को तोड़कर कब्जा करने का प्रयास हुआ। हमारी सरकार ने न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्रवाई की और दंगाइयों को सख्त संदेश दिया। धर्म परिवर्तन और घर वापसी के मुद्दे पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि अगर कोई अंतर्मन से अपने धर्म में लौटना चाहता है, तो उसका स्वागत होना चाहिए। यह धर्म और परंपरा के प्रति जागरूकता का संकेत है।
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